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ओबीसी आरक्षण और पदोन्नति मामले में राहत नहीं, सितंबर महीने में होगी सुनवाई

MP News: सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को मध्य प्रदेश ओबीसी आरक्षण से संबंधित मामले पर सुनवाई हुई।

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फोटो- पत्रिका

MP News: मध्य प्रदेश में सरकारी भर्तियों में ओबीसी आरक्षण मामले की लड़ाई अब निर्णायक मोड पर पहुंच गई है। ओबीसी मामले में रोजाना सुनवाई 23 सितंबर को होगी। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को अति महत्वपूर्ण मानते हुए 'टॉप ऑफ द बोर्ड' की श्रेणी में रखा है।

दरअसल, राज्य सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता, अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के एम नटराज और महाधिवक्ता प्रशांत सिंह द्वारा बताया गया कि उच्च न्यायालय द्वारा ओबीसी आरक्षण पर स्थगन के कारण नई भर्तियों में आ रही दिक्कतों को देखते हुए जल्द सुनवाई की जाएगी।

आरक्षण और पदोन्नति मामले पर राहत किसी में नहीं

ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई में भर्ती सहित अन्य विषयों पर असर की चर्चा। सुप्रीम कोर्ट सितम्बर से नियमित सुनवाई को तैयार, लेकिन स्टे हटाने से किया इनकार।


इधर, हाईकोर्ट में प्रमोशन में आरक्षण पर सरकार की ओर से अर्जेन्ट हियरिंग का आवेदन। मंगलवार को केस लिस्टेड हुआ। लेकिन चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा के उपलब्ध नहीं होने की वजह से सुनवाई की तिथि आगे बढ़ी।

27 प्रतिशत आरक्षण देने के लिए हम प्रतिब्ध- सीएम डॉ मोहन

मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने विधानसभा में पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि प्रदेश सरकार 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण देने के लिए प्रतिबद्ध है। विपक्ष पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा था कि कांग्रेस ने इस मुद्दे पर दोहरा रवैया अपनाया और कमजोर तथ्यों के आधार पर अपनी बात रखी। आगे सीएम ने कहा कि जिन विभागों के स्थगन के आदेश नहीं है। वहां पहले ही 27 प्रतिशत आरक्षण लागू कर देंगे। जिन विभागों के अंदर स्टे नहीं था वहां हमने 27 प्रतिशत आरक्षण पहले ही दे दिया। . लेकिन, जहां कोर्ट में मामला अटका पड़ा है, वहां भी हम अपनी तरफ से सरकार के पक्ष में 27% आरक्षण की बात लिखकर दे रहे हैं।