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Hamidia Fire Case : शव लेने तैयार नहीं, मां बोली-जिंदा है मेरा बच्चा, डीएनए टेस्ट से होगा फैसला

एक शव बीते दो दिन से अस्पताल की मर्चुरी में रखा हुआ है। इसे परिजन लेने के लिए तैयार नहीं हैं।

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शव लेने तैयार नहीं, मां बोली-जिंदा है मेरा बच्चा, डीएनए टेस्ट से होगा फैसला

शव लेने तैयार नहीं, मां बोली-जिंदा है मेरा बच्चा, डीएनए टेस्ट से होगा फैसला

भोपाल. हमीदिया अस्पताल में सोमवार रात को लगी आग में अब तक 13 बच्चों की मौत हो चुकी है। प्रबंधन ने 13 में से 12 बच्चों के शव उनके परिजनों को सौंप दिए हैं। वहीं एक शव बीते दो दिन से अस्पताल की मर्चुरी में रखा हुआ है। इसे परिजन लेने के लिए तैयार नहीं हैं। बच्चे की मां सोनाली के परिजनों का कहना है कि यह बच्चा उनका नहीं है। उनका बच्चा जीवित है, जो कि किसी और से बदल गया है। उन्हें उनका जिंदा बच्चा चाहिए।

हमीदिया अस्पताल प्रशासन का कहना है कि जो शव मर्चुरी में रखा है, वही सोनाली का बच्चा है। ऐसे में शासन ने डीएनए टेस्ट कराने का निर्णय लिया है। इसके लिए बुधवार शाम को कोहेफिजा पुलिस ने मामला दर्ज कर सोनाली का ब्लड सैंपल लिया। वहीं मृत शव का डीएनए सैंपल पोस्टमार्टम के समय ही ले लिया गया था। दोनों सैंपल को लैब में भेजा जाएगा। तब फैसला होगा कि बच्चा सोनाली का है या नहीं। कोहेफिजा थाना प्रभारी अनिल बाजपेयी ने बताया कि जांच के लिए दोनों सैंपल रीजनल फोरेंसिक साइंस लैब में भेजे जाएंगे। रिपोर्ट आने में एक सप्ताह का समय लगेगा।

परिजनों ने आरोप लगाया कि अस्पताल प्रशासन ने बच्चे को बदल दिया है और सच्चाई छिपा रहे हैं।

सैंपल मैच नहीं हुए तो उलझ सकता है मामला
यदि सोनली और मर्चुरी में रखे मृत शव का सैंपल मैच नहीं हुआ तो यह मामला और उलझ सकता है। इस सवाल के जवाब में टीआइ अनिल वाजपेयी का कहना है कि यदि ऐसा होता है तो फिर हम न्यायालय की अनुमति से उन सभी बच्चों का डीएनए सैंपल लेंगे जो आग की घटना के बाद अस्पताल से डिस्चार्ज किए गए हैं। इसके लिए एक लंबा समय लगेगा और जीवित बच्चे की मांग कर रहे परिवार को बहुत समय तक धैर्य रखना होगा।


6 मृत बच्चों के डीएनए फिलहाल सुरक्षित
आग की घटना में वैसे तो 13 बच्चों की मौत की खबर है, लेकिन इनमें से सिर्फ 6 बच्चों का ही पोस्टमार्टम हुआ है। इन 6 बच्चों का डीएनए फिलहाल हमीदिया अस्पताल के पास सुरक्षित है। यदि आवश्यक हुआ तो सोनाली के सैंपल को पहले इनसे भी मैच करने का प्रयास किया जाएगा।

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बच्चे की पहचान में आ सकती है अड़चन
एक मां को उसका जिगर का टुकड़ा सौंपने का मामला उलझ रहा है। यदि सोनाली और मर्चुरी में रखे मृत बच्चे का डीएनए मैच नहीं करता है तो पुलिस सभी बच्चों के सैंपल से मिलान कराने की बात कर रही है, लेकिन उन बच्चों का सैंपल कैसे लिया जाएगा, जिनका अंतिम संस्कार बिना पोस्टमार्टम के हो चुका है।