scriptकांग्रेस के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष व खंडवा के कांग्रेस प्रत्याशी अरुण यादव को नोटिस | Notice to former congress president | Patrika News

कांग्रेस के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष व खंडवा के कांग्रेस प्रत्याशी अरुण यादव को नोटिस

locationभोपालPublished: May 19, 2019 12:12:54 am

हर अति गरीब परिवार को 6 हजार रुपए महीना देने की बात…

notice to congress

कांग्रेस

भोपाल। चुनाव आयोग ने न्याय योजना के आवेदन फार्म वितरित कराने के मामले में पूर्व प्रदेशाध्यक्ष व वर्तमान मेंखंडवा लोकसभा सीट के कांग्रेस प्रत्याशी अरुण यादव को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।

आयोग ने उन्हें जवाब देने के लिए 24 घंटे का समय दिया है। कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में न्याय योजना के तहत हर अति गरीब परिवार को 6 हजार रुपए महीना देने की बात कही है।
MUST READ : भोपाल में कांग्रेस की योजना के नाम पर रणनीति! कांग्रेस भी आ गई सकते में…


आयोग ने शनिवार को नोटिस जारी कर कहा कि खंडवा, खरगौन और बुरहानपुर जिलों में न्याय योजना के तहत कथित संभावित लाभार्थियों को आवेदन फार्म और पोस्टर आदि वितरित किये जाने की शिकायत की पुष्टि हुयी है।
नोटिस में मध्य प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी की रिपोर्ट के आधार पर कहा गया है कि तीनों जिलों से बरामद न्याय योजना के पोस्टर और आवेदन फार्म में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और यादव की तस्वीर तथा कांग्रेस का चुनाव चिन्ह भी प्रकाशित किया गया है। आयोग ने इसे प्रथम दृष्टया आचार संहिता के प्रावधानों का उल्लंघन बताते हुये यादव से जवाब मांगा है।
खर्च की जानकारी छिपाने पर कांग्रेस के दो विधानसभा प्रत्याशियों को नोटिस

चुनाव आयोग ने पन्ना विधानसभा कांग्रेस प्रत्याशी शिवजीत सिंह और रैगांव प्रत्याशी कल्पना वर्मा को नोटिस जारी किया है। विधानसभा चुनाव-2018 में दोनों प्रत्याशियों ने चुनाव खर्च की सही जानकारी आयोग को नहीं दी थी।
चुनाव आयोग को शिकायत मिली थी कि दोनों प्रत्याशियों ने चुनाव प्रचार में ज्यादा खर्च किया है, लेकिन खर्च कम बताया है। इस मामले में चुनाव आयोग ने जांच की, जिसमें शिकायत सही पाई गई। इस आधार पर दोनों ही प्रत्याशियों को कारण बाताओ नोटिस जारी किया है।
इसका जवाब देने के लिए चुनाव आयोग ने उन्हें बीस दिन का समय दिया है। दोनों प्रत्याशी चुनाव हार गए थे।

सीईओ कांताराव ने बताया कि मतगणना के एक माह के अंदर प्रत्याशियों को चुनाव खर्च की संपूर्ण जानकारी देना पड़ती है। यह जानकारी भारत निर्वाचन आयोग को भेजी जाती है, भारत निर्वाचन आयोग अपने स्तर पर इसकी जांच कराता है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो