29 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

अब गूगल मैप पर नजर आएंगी नेकी की दीवारें

नई तैयारी: जरूरतमंदों की मदद के लिए शासन ने शुरू की थी योजना, आनंदम के तहत प्रदेश में बनाए गए थे 172 केन्द्र, कोरोनाकाल के बाद अब नई तैयारी

2 min read
Google source verification

भोपाल

image

Shakeel Khan

Aug 26, 2021

अब गूगल मैप पर नजर आएंगी नेकी की दीवारें

अब गूगल मैप पर नजर आएंगी नेकी की दीवारें

भोपाल. कोरोनाकाल से बंद आनंदम के सेंटर खुलने के साथ ही जल्द ही गूगल मैप पर भी नजर आएंगे। विभाग इनकी मैपिंग कराने की योजना बना रहा हैं। शहर में जहां भी नेकी की दीवार बनाई गई हैं उनकी लोकेशन को चिन्हित कर दर्ज किया जाएगा। प्रदेश में 172 केन्द्र खोले गए थे।

प्रदेश में करीब तीन साल पहले योजना के तहत इनकी शुरुआत की गई थी। इसका मुख्य उद्देश्य जरूरतमंदों की मदद बताया गया। कई जगहों पर कपड़ों समेत जरूरत का सामान जमा किया गया था। शुरुआती दौर में इसे बांटा भी गया। बाद में योजना ठप हो गया। अब नए तरीके से इसे शुरू करने को लेकर काम हो रहा है। आधिकारिक रूप से बताया गया कि इन केन्द्रों को संचालित करने के लिए संस्थान ने कोई फंड किसी एनजीओ को नहीं दिया। ये केन्द्र आनंदक चला रहे थे। आगे भी नए स्थानों पर इन्हें एनजीओ के माध्यम से शुरू किया जाएगा। लोग इनकी लोकेशन जान सके इसके लिए गूगल मैपिंग कराने की योजना भी है। इस दिशा में आनंदम के जिम्मेदारों ने काम शुरू कर दिया है।

शहर में यहां थी व्यवस्था
शहर में ईदगाह हिल्स, जवाहर चौक, प्रभात चौराहा, बाबा नगर सहित कुछ स्थान पर केन्द्र हैं। इन्हें चलाने के लिए अमले को लेकर अधिकारियों ने परेशानी बताई। ऐसे में निजी संस्थाओं के जरिए संचालन होगा। राÓय आनंद संस्थान का बजट हर साल बढ़ रहा है। वर्ष 2016-17 में यह लगभग तीन करोड़ रुपए था। इसके बाद के वर्षों में इसे बढ़ाया गया था।


प्रदेश की स्थिति

प्रदेश में 172 आनंदम केन्द्र खोले गए थे। इनमें राजधानी केन्द्र भी शामिल हैं। इनकी स्थिति अब खराब हो रही है। नेकी की दीवार जहां लगी उनमें कुछ बंद हैं। इन्हें कवर्ड करने को लेकर चर्चा है।

स्थिति में सुधार किया जाएगा

जल्द ही आनंदम केन्द्रों की स्थिति में सुधार किया जाएगा। इसके लिए प्रक्रिया शुरू हो गई है। इसके साथ ही गूगल मैप पर भी इनकी लोकेशन जानी जा सकेगी। इसके लिए प्रदेश स्तर पर काम किया जा रहा है।
अखिलेश अर्गल, सीईओ आनंदम