21 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

अब गेहूं खरीदी के लिए नहीं आएंगे SMS, घर पर बेठे करा सकेंगे पंजीयन

सरकार ने गेहूं खरीदी पंजीयन, उपार्जन और भुगतान की व्यवस्था में किया बदलाव, गेहूं उपार्जन नीति 2022-23 जारी

2 min read
Google source verification
wheat_procurement.png

भोपाल. प्रदेश में किसानों की फसल खरीदी में होने वाले फर्जीवाड़े रोकने सहित गेहूं खरीदी व्यवस्था को सहज और सुगम बनाने राज्य सरकार ने उपार्जन नीति में बड़ा फेरबदल किया है। रबी विपणन वर्ष 2022-23 की जारी नीति के अनुसार, इस बार किसानों को गेहूं खरीदी के लिए किसी भी तरीके से एसएमएस नहीं भेजा जाएगा। न ही उनकी खरीदी गई फसल के भुगतान के लिए बैंक खाता नंबर व आइएफएससी नंबर मांगा जाएगा। इतना ही नहीं किसान घर बैठे ही पंजीयन कर सकेंगे। पंजीयन के लिए तैयार अन्य सेंटर भी तय किए गए हैं।

इस तरह होगा पंजीयन
किसान पंजीयन की इस बार दो व्यवस्थाएं की गई हैं। एक तो निःशुल्क दूसरा स-शुल्क।| किसान मोबाइल व कम्प्यूटर से निर्धारित लिंक पर जाकर घर बैठे पंजीयन कर सकेंगे। साथ ही समितियों द्वारा संचालित पंजीयन केंद्र में पंजीयन होंगे। दोनों जगह शुल्क नहीं देनी होगी। इसके अलावा वह 50 रुपए शुल्क देकर कियोस्क सेंटर, कामन सर्विस सेंटर, लोक सेवा केंद्र व साइबर कैफे से में पंजीयन करवा सकेंगे। सिकमी किसानों का पंजीयन सिर्फ सहकारी समितियों में होगा। इनका शत-प्रतिशत सत्यापन राजस्व विभाग करेगा। फसल बेचने से पहले होगा आधार वैरीफिकेशन पंजीयन कराने व फसल बेचने के लिए आधार नंबर का सत्यापन अनिवार्य होगा। यह आधार नंबर से लिंक मोबाइल नंबर पर ओटीपी से या बायोमैट्रिक डिवाइस से किया जा सकेगा।

बदल गई है उपार्जन की प्रक्रिया
अब तक किसानों को खरीदी के एसएमएस आते थे। एसएमएस में मिली तिथि के अनुसार ही किसान फसल बेच सकता था। इस बार एसएमएस की अनिवार्यता समाप्त कर दी गई है। फसल बेचने के लिए अब किसान निर्धारित पोर्टल से नजदीक के उपार्जन केंद्र, तिथि टाइम सस्‍लॉट का चयन खुद कर सकेंगे। इसका चयन नियत तिथि के पहले करना होगा। सामान्य तौर पर उपार्जन प्रारंभ होने की तिथि के एक सप्ताह पहले तक उपार्जन केंद्र, तिथि व टाइम स्‍लॉट का चयन किया जा सकेगा।

यह भी होगा महत्वपूर्ण

- किसान का पंजीयन केवल उसी स्थिति में हो सकेगा जब भू-अभिलेख में दर्ज खाते व खसरे में दर्ज नाम का मिलान आधार कार्ड में दर्ज नाम से होगा

- भू-अभिलेख व आधार कार्ड में दर्ज नाम में विसंगति होने पर पंजीयन का सत्यापन तहसील कार्यालय से कराया जाएगा।

- किसान उपार्जन केंद्र पर जाकर फसल बेचने के लिए अपने परिवार के किसी सदस्य को नामित कर सकेंगे। नामित व्यक्ति का भी आधार वैरीफिकेशन कराया जाएगा।

यह है टाइम टेबल

पंजीयन 5 फरवरी से 5 मार्च तक होंगे। उपार्जन केंद्र, तिथि व टाइम स्‍लाट का चयन 7 से 20 मार्च तक किया जा सकेगा। उपार्जन अवधि संभावित 25 मार्च से 15 मई तक अभी तय की गई है।

आधार कार्ड से ले लिया जाएगा लिंक खाता नंबर
किसान को अब तक फसल के भुगतान के लिए बंक खाता नंबर व आइएफएससी कोड देना पड़ता था। त्रुटि होने पर भुगतान असफल हो जाता था, लेकिन अब व्यवस्था में बदलाव कर बैंक खाता नंबर व आईएफएससी कोड आधार नंबर से लिंक खाता नंबर ही ले लिया जाएगा। इसके लिए उन्हें अपने आधार नंबर से बैंक खाता नम्बर व मोबाइल नंबर लिंक करवा कर अपडेट रखना होगा।