9 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

अब सड़क किनारे के हिस्से होंगे पक्के, लगेंगे ‘पैविंग ब्लॉक’

MP News: योजना के तहत सड़क किनारे के सभी कच्चे हिस्सों को पक्का किया जाएगा और वहां पैविंग ब्लॉक लगाए जाएंगे....

2 min read
Google source verification
bhopal news

सड़कों पर उड़ती धूल से बढ़ा एक्यूआइ (Photo Source- freepik)

MP News: एमपी के भोपाल शहर की सड़कों से उड़ती धूल ने वायु प्रदूषण को चिंताजनक स्तर तक पहुंचा दिया है। बीते दिन राजधानी का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआइ) 183 दर्ज किया गया। इस गंभीर समस्या से निपटने के लिए नगर निगम ने लगभग 38.25 करोड़ रुपए की एक विस्तृत कार्य योजना तैयार की है। यह प्रस्ताव अब मंजूरी के लिए नगर निगम आयुक्त के पास भेजा गया है। योजना के क्रियान्वयन का मुख्य फोकस धूल पर नियंत्रण पाना है, जिसे प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों ने शहर में खराब वायु गुणवत्ता का प्रमुख कारण बताया है। शहर में 1200 किलोमीटर से अधिक सड़कों की हालत खराब है।

नहीं होगा प्रभावी उपयोग

नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम के तहत मिले फंड का अभी तक प्रभावी उपयोग नहीं हुआ है। 2024-25 के लिए 51 करोड़ रुपए निगम को केंद्र सरकार की ओर से मिलने थे, जिसमें 38.25 करोड़ रुपए का फंड रिलीज किया जा चुका है। लेकिन भोपाल ने अभी तक न कार्य योजना बनाई है और न ही कोई सकारात्मक पहल की है। वहीं केंद्र सरकार 2025-26 के लिए भी 52 करोड़ रुपए देगा।

प्रदूषण नियंत्रण की रणनीति

सड़कों का पक्कीकरण और मरम्मतः योजना के तहत सड़क किनारे के सभी कच्चे हिस्सों को पक्का किया जाएगा और वहां पैविंग ब्लॉक लगाए जाएंगे ताकि मिट्टी सड़क पर न फैले। इसमें करीब 40 प्रतिशत हिस्सा खर्च होने का अनुमान है।

हरियाली का विस्तार और जल छिड़कावः सेंट्रल वर्ज और साइड वर्ज पर हरियाली विकसित करने तथा सूखी पट्टियों में गार्डनिंग का प्रस्ताव है। इसके अलावा रात के समय सड़कों, पेड़ों और डिवाइडर्स पर पानी के नियमित छिड़काव की व्यवस्था की जाएगी।

इलेक्ट्रिक शवदाह गृहों की स्थापनाः नगर निगम क्षेत्र के पांच प्रमुख श्मशान घाटों (मुक्तिधाम) को इलेक्ट्रिक शवदाह गृहों में बदलने की तैयारी है।

शहर की हवा में सुधार: शहर के लिए निगम लगातार सक्रिय हैं। इसके लिए एक प्रभावी कार्य योजना बनाई जा रही है।- वरुण अवस्थी, अपर आयुक्त, निगम