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अब 1 क्लिक पर पता चलेगा, कौन है प्रॉपर्टी का मालिक ! ऐसे कर सकते हैं चेक

Property Rate: साल के आखिर तक सभी 4.50 लाख प्रॉपर्टी टैक्स अकाउंट की जियो टैगिंग का काम पूरा कर लिया जाएगा...

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Property Rate

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Property Rate: महानगरों की तर्ज पर भोपाल में भी नगर निगम अब शहर की प्रॉपर्टी का रिपोर्ट कॉर्ड ऑनलाइन कर रहा है। स्टेट कैपिटल रीजन फार्मूले के तहत गठित महानगरों में इस प्रकार की व्यवस्था नगरीय निकाय स्तर पर होना अनिवार्य बिंदु हैं।

शहर के 4.50 लाख प्रॉपर्टी टैक्स अकाउंट में से नगर निगम भोपाल ने लगभग 2 लाख रहवासी व्यवसायिक प्रॉपर्टी की जियो टैगिंग का काम पूरा कर लिया है। नगर निगम की वेबसाइट पर ऑनलाइन शहर के 85 वार्ड और 21 जोन के अंतर्गत आने वाली इन संपत्तियों का ब्यौरा ऑनलाइन किया जा रहा है।

टैगिंग का काम पूरा

भविष्य में खरीदी बिक्री और टैक्स बकाया का हिसाब किताब करने के दौरान होने वाले विवाद खत्म करने के लिए यह कार्रवाई की जा रही है। नगर निगम का दावा है कि साल के आखिर तक सभी 4.50 लाख प्रॉपर्टी टैक्स अकाउंट की जियो टैगिंग का काम पूरा कर लिया जाएगा। जियो टैगिंग की कार्रवाई नई संपत्तियों की पड़ताल के लिए भी की जा रही है। शहर की आबादी के लिहाज से नगर निगम के पास प्रॉपर्टी टैक्स अकाउंट की संख्या बेहद कम है। इससे प्रतिवर्ष कम राजस्व प्राप्त हो रहा है जिससे दोगुना और तीन गुना करने का प्रयास किया जा रहा है।

ऐसे कर सकते हैं चेक

बीएमसी भोपाल की वेबसाइट पर सिटिजन सर्विस पोर्टल पर जाकर वार्ड क्रमांक जोन क्रमांक डालकर अंतर्गत आने वाली समस्त संपत्तियां चेक की जा सकती हैं। प्रॉपर्टी मालिक एवं प्रॉपर्टी टैक्स आइडी के हिसाब से इन संपत्तियों को ऑनलाइन दर्ज किया गया है। यदि आपको प्रॉपर्टी मालिक और टैक्स आइडी नहीं पता है तो प्रॉपर्टी मालिक का संभावित मोबाइल नंबर डालकर भी संपत्ति का पूरा ब्यौरा चेक कर सकते हैं।

इन मामलों में मिलेगी सहायता

संपत्ति खरीदी बिक्री के दौरान प्रॉपर्टी मलिक का टाइटल कई बार स्पष्ट नहीं रहता है। नगर निगम की वेबसाइट पर इसे अधिकृत आइडी के साथ स्पष्ट किया जा रहा है। इसके अलावा प्रॉपर्टी टैक्स, वाटर टैक्स और अन्य प्रकार के टैक्स जमा करने का हिसाब किताब भी ऑनलाइन उपलब्ध रहेगा। इसका सबसे बड़ा फायदा संपत्ति खरीदने वाले नागरिकों को मिलेगा जिन्हें एक क्लिक पर ही यह जानकारी उपलब्ध होगी।

जियो टैगिंग और मैपिंग की सहायता से नई संपत्तियों की तलाश करवाई जा रही है। इससे प्रापर्टी की पहचान और ब्यौरा तैयार करने में भी सहायता मिल रही है। हरेंद्र नारायण, निगमायुक्त