
nursing college admission:मध्य प्रदेश में नर्सिंग कॉलेजों की एडमिशन प्रक्रिया एक बार फिर चर्चा का विषय बन चुकी है। इस बार इसके चर्चा बनने का कारण ये है कि नर्सिंग कॉलेजों में एंट्री के बाद भी कई छात्रों का एडमिशन रद्द कर दिया गया। एडमिशन रद्द करने का कारण बताया कि छात्रों ने 12वीं कक्षा में हिंदी विषय नहीं लिया था। अब इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने एक्स पर एक पोस्ट लिखा है। यही नहीं, उन्होंने बीते दिन छात्रों से मुलाकात भी की है।
सांसद दिग्विजय सिंह ने अपने एक्स अकाउंट पर एक पोस्ट शेयर की है। इस पोस्ट में उन्होंने मुख्यमंत्री मोहन यादव और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं सांसद जेपी नड्डा को घेरा है। उन्होंने लिखा कि यह भी मध्यप्रदेश के चिकित्सा शिक्षा विभाग का अजीब निर्णय है। चयनित छात्रों के रजिस्ट्रेशन निरस्त इसलिए किए जा रहे हैं क्योंकि, उन्होंने अंग्रेजी मीडियम से शिक्षा ली है। जबकि केंद्रीय नर्सिंग काउंसिल के नियमों में अंग्रेजी मीडियम की बाध्यता है।
उन्होंने आगे मुख्यमंत्री और भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष को टैग कर लिखा कि 'यह आपको बदनाम करने का क्या षड्यंत्र है? आपके गुरु जेपी नड्डा जी केंद्रीय मंत्री कहते हैं अंग्रेज़ी मीडियम से पढ़ो आप कहते हैं हिंदी मीडियम से पढ़ो। इन बच्चों के भविष्य को आप क्यों बिगाड़ रहे हैं?' उन्होंने आगे कहा कि 'आपकी सरकार ने जो नियम बनाए हैं वे भी आप 24/12/2024 को प्रकाशित कर रहे हैं जबकि नतीजे उसके पहले आ गए। क्या यह केवल इसलिए किया जा रहा है क्योंकि, कुछ प्रभावशाली लोगों के बच्चों का चयन नहीं हुआ? क्या यह सही है? जय सिया राम।'
दरअसल, चिकित्सा शिक्षा विभाग ने नर्सिंग काउंसिल 2024 के तहत करीब 100 से ज्यादा एडमिशन निरस्त कर दिए हैं। यह निरस्तीकरण सिर्फ सरकारी नर्सिंग कॉलेज में किए गए हैं। ऐसे छात्र-छात्राओं के प्रवेश निरस्त किए गए हैं, जिन्होंने कक्षा 12वीं में हिंदी विषय लेकर पढ़ाई नहीं की है। इस नियम का सबसे बड़ा असर उन अभ्यर्थियों पर हुआ, जिन्होंने सीबीएसई (CBSE), आईसीएसई(ICSE) और संस्कृत बोर्ड से 12वीं कक्षा पास की है। इससे प्रभावित छात्र अब हाईकोर्ट जाने की तैयारी में है।
Published on:
15 Jan 2025 04:26 pm
बड़ी खबरें
View Allभोपाल
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
