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डेपुटेशन पर गए और जम गए वनमंडल में वनक्षेत्रपाल

राजधानी परियोजना वनमंडल में वनक्षेत्रपाल के पद पर पदस्थ चार कर्मचारी एेसे हैं जिन्होंने इस विभाग को आरामगाह बना लिया है। ०३ वर्ष की प्रतिनियुक्ति पर आ

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भोपाल

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Shiv Naryan

Jan 12, 2019

Plastic in the forest area

Plastic in the forest area

संघ के जिला अध्यक्ष रामयश मौर्य के अनुसार नगरीय विकास आवास एवं पर्यावरण विभाग मंत्री जयवर्धन सिंह ने अपनी टीम में तत्काल प्रभाव से इन कर्मचारियों को वापस इनके मूल विभाग में भेजने के निर्देश दिए हैं।

बावजूद इसके राजधानी परियोजना वनमंडल इन्हें मूल विभाग में नही भेज रहा है। इन कर्मचारियों के कारण एेसे अन्य कर्मचारी जिन्हें प्रतिनियुक्ति पर यहां काम करने का अवसर मिलना चाहिए वह नह ी मिल पा रहा।मंत्री माया सिंह ने भी दो साल पहले मांगी थी जानकारी--बता तत्कालीन नगरीय प्रशासन मंत्री माया सिंह ने भी १३ फरवरी २०१७ को पत्र जारी कर राजधानी परियोजना वनमंडल में पदस्थ अधिकारियों के संबंध में जानकारी मांगी थी।

जिसमें राजधानी परियोजना वनमंडल में पांच वर्ष या उससे अधिक समय से जमे अधिकारियों के संबंध में जानकारी मांगी गई थी, लेकिन इसके बाद भी इन पर कार्रवाई नही की गई। ये अधिकारी हैं लंबे समय से पदस्थ-- अनिल शर्मा, वर्तमान में वनक्षेत्रपाल--ये राजधानी परियोजना वनमंडल में पिछले १४ वर्ष से पदस्थ हैं। जब इनकी पदस्थापना हुई थी तब ये उपवनक्षेत्रपाल थे अब एक पदस्थापना लेकर वनक्षेत्रपाल हो गए हैं।

आरके शुक्ला--ये पिछले ११ वर्षों से पदस्थ हैं। प्रतिनियुक्ति पर जब ये आए थे तब ये सहायक वन विस्तार अधिकारी थे। अब ये भी वनक्षेत्रपाल हो गए हैं।

रविकांत अग्रवाल-- ये १५ साल से पदस्थ हैं। जब इनकी पदस्थापना हुई थी तब ये वनरक्षक थे फिर वनपाल बने और अब उपवनक्षेत्रपाल हो गए हैं। यानि इन्होंने प्रतिनियुक्ति पर रहते हुए ही दो पदोन्नति ले ली है।

लाउलूज लकरा-- ये पिछले ०४ वर्ष से यहां पर पदस्थ हैं। इनकी भी प्रतिनियुक्ति का कार्यकाल समाप्त हो चुका है।