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52 जिलों में बुजुर्गों के लिए बनेंगे आश्रम, पैसा भी कमाएंगे और फ्री मिलेगा भोजन-कपड़ा और मनोरंजन

प्रदेश के सभी 52 जिलों में बुजुर्गों के लिए आश्रम बनाने की तैयारी कर ली है, इन आश्रमों में बुजुर्गों के रहने से लेकर खाने, पीने, कपड़े से लेकर मनोरंजन तक की सभी सुविधा फ्री रहेगी।

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भोपाल. सरकार ने प्रदेश के सभी 52 जिलों में बुजुर्गों के लिए आश्रम बनाने की तैयारी कर ली है, इन आश्रमों में बुजुर्गों के रहने से लेकर खाने, पीने, कपड़े से लेकर मनोरंजन तक की सभी सुविधा फ्री रहेगी। अच्छी बात यह है कि इन्हें पौष्टिक भोजन देने के साथ ही आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए काम भी दिया जाएगा। जिससे उनका मानिसक स्तर भी सुधरेगा।

दरअसल वृद्धाश्रम में अधिकतर बुजुर्ग बोर हो जाते हैं, उन्हें सभी सुविधा मिल जाती है, लेकिन वे दिन भर फ्री रहने के कारण किसी न किसी प्रकार की चिंता में डूबे रहते हैं, इसलिए उन्हें अब तैयार होने वाले आश्रमों में काम भी दिया जाएगा, जिससे वे पैसा भी कमा कर आर्थिक रूप से मजबूत होंगे और उनका मन भी यहां वहां नहीं भटकेगा। उन्हें ऐसा काम दिया जाएगा, जो वे आसानी से कर सकेंगे और उन्हें उसका मेहनताना भी मिलेगा। ताकि उनका उत्साह वर्धन हो।

प्रदेश के हर जिले में 150 बिस्तर का एक वृद्धाश्रम बनाया जाएगा। वृद्धों को चिकित्सा, भोजन, भ्रमण, मनोरंजन, सुलभ परिवहन सहित अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। भवन में रैंप, रेलिंग, लिफ्ट, दीवारों में हैंड रेल की सुविधा का विशेष तौर पर ध्यान रखा जाएगा।

उन्हें आर्थिक रूप से मजबूत बनाने उनके अनुभव, योग्यता और रुचि के अनुसार काम दिया जाएगा। सामाजिक न्याय विभाग ने आश्रम बनाने जगह चयन करने को कहा है।

आश्रम बनाते समय देखा जाएगा कि भवन के साथ उनके मनोरंजन व रहन-सहन के लिए पर्याप्त जगह हो, जहां बुजुर्ग स्वतंत्र रूप से रहने के साथ सुरक्षित रहें। आश्रम के निर्माण और संचालन के लिए कंपनियां सीएसआर फंड भी दे सकेंगी। आश्रम के पास तक परिवहन की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।

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ये होगी व्यवस्था

-भोजन में 1700 कैलोरी, 50 ग्राम प्रोटीन रोजाना दिया जाएगा। आश्रम डॉक्टरों के घर के आस-पास होंगे। पैरामेडिकल स्टाफ की व्यवस्था होगी। बीपी निगरानी, ग्लोकोमीटर, वजन मापने की मशीन के साथ नियमितस्वास्थ्य शिविर की व्यवस्था।

-मनोरंजन की व्यवस्था जैसे शतरंज, कैरम, टीवी, धार्मिक स्थलों पर रोज भ्रमण का इंतजाम किया जाएगा। प्रत्येक वृद्ध को 4 जोड़ी कपड़े हर वर्ष दिए जाएंगे।