
Online Fraud : कोरोना काल विश्व के लिए एक बुरे सपने जैसा था जहां लोगों ने अपने चाहने वालों को खोया था। भारत में एक तरफ कोरोना की वजह से लाखोँ लोगों ने अपनी जान गवाई तो वहीँ अब कुछ लोग इस बिमारी के नाम से ठगी कर रहे है। मध्यप्रदेश में कोविड-19 की वैक्सीन को लेकर आम लोगों से उनका आधार नंबर और ओटीपी मांगकर उनके बैंक खातों को खाली कर अपना शिकार बना रहे है।
यह साइबर ठग आपको स्वास्थ्य अधिकारी के नाम से कॉल कर के आपसे सवाल करते है कि क्या आपने कोविड-19 की वैक्सीन ली है। अगर आपका उत्तर नहीं होता है तो यह आपको डराकर अपने जाल में फसाते है। डीआईजी (साइबर) योगेश देशमुख ने प्रदेश में बढ़ते ऑनलाइन फ्रॉड के मामलों को लेकर प्रदेशवासियों को सतर्क रहने को कहा है। बता दें कि, रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने 40 काल्पनिक कहानियों वाली एक बुक जारी की है।
यह ठग आपको स्वास्थ्य विभाग का अधिकारी बनकर आपको कॉल करते है। आपके कॉल रिसीव करने के बाद यह आपसे पूछते है कि क्या आपने कोरोना की वैक्सीन लगवा ली है? और अगर आपका जवाब नहीं होता है तो यह आपको बताते है कि भारत में कोरोना वैक्सीन लगवाने के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू हो गए हैं। इसी के संबंध में आपको कॉल किया गया है। इसके बाद वह आपसे रजिस्ट्रेशन फीस के 500 रुपए भरने के लिए कहेगा। रजिस्ट्रेशन के लिए आपके मोबाइल पर ओटीपी नंबर आएगा जिसे वह ठग उसे शेयर करने को कहेगा। इसके बाद आपका रजिस्ट्रेशन हो जाएगा और कुछ समय बाद आपके बैंक खाते से सारे पैसे उड़ जाएंगे।
डीआईजी (साइबर) योगेश देशमुख ने बताया कि इन ऑनलाइन ठग का सबसे इजी टारगेट महिलाएं और वृद्ध लोग होते है। इन्हें तरह-तरह के डर और लालच दिखाकर बहलाया जाता है और इनके बैंक खाते खाली कर दिए जाते है। उन्होंने कहा कि साइबर पुलिस ठगी के नए-नए तरीकों से लोगों को सतर्क करने के लिए समय-समय पर एडवाइजरी जारी की जाती है, जिसमें किस प्रकार के फोन कॉल, मैसेज और ईमेल से बचने की सलाह दी जाती है। इसके बावजूद, कुछ लोग ठगों की बहकावे में आकर फंस जाते हैं। डीआईजी देशमुख ने लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है और कहा है कि किसी भी संदिग्ध कॉल या मैसेज से डरने के बजाय तुरंत पुलिस में शिकायत करें और अपनी व्यक्तिगत जानकारी किसी से साझा न करें।
Updated on:
21 Sept 2024 03:47 pm
Published on:
21 Sept 2024 12:33 pm
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