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मध्य प्रदेश में ऑक्सीजन संकट, अतिरिक्त व्यवस्था में जुटी सरकार

मध्य प्रदेश में ऑक्सीजन संकट पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कहा प्रदेश में 180 लाख टन ऑक्सीजन उपलब्धता।

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oxygen cylinder crisis in mp

After Nasik, 300 COVID-19 patients death is 2 hours ahead in Delhi, Oxygen supply stopped

भोपाल. मध्य प्रदेश में कोरोना संक्रमण के डराने वाले आंकड़े के बीच प्रदेश में ऑक्सीजन का संकट गहराने लगा है। प्रदेश दो बड़े शहर इंदौर भोपाल सहित ज्यादातर जिलों में ऑक्सीजन की डिमांड - सप्लाई में बड़ा अंतर आ गया। हालांकि ऑक्सीजन संकट के पीछे महाराष्ट्र सरकार का सप्लाई देने से इंकार करना माना जा रहा है।

दरअसल पांच दिन पहले महाराष्ट्र सरकार ने एमपी सरकार को एक पत्र लिखकर ऑक्सीजन की सप्लाई रोक दी थी। प्रदेश के अस्पतालों में ऑक्सीजन संकट की खबरों के आने के बाद प्रदेश सरकार भी हरकत में आई है। शनिवार को सीएम ने प्रदेश के सभी जिलों की समीक्षा करते हुए कहा, प्रदेश ऑक्सीजन की कमी नहीं होगी, इसके लिये अतिरिक्त व्यवस्था की गई है। सीएम ने किल्लत के लिये खबरों चलते ऑक्सीजन सिलेंडर के संग्रहण की प्रवृति बढ़ जाती है।

सीएम शिवराज ने कहा कि प्रदेश में वर्तमान में 180 लाख में टन उपलब्धता है। इसके साथ ही अस्पतालों में बिस्तरों की क्षमता बढ़ाई जा रही है। प्रदेश में करीब 5 हजार प्रकरण आए जबकि देश में डेढ़ लाख प्रक्ररण आए हैं। रिपोर्ट आने के बाद 34 प्रतिशत रोगी भर्ती हो रहे हैं। प्रदेश में 66 प्रतिशत कोरोना संक्रमित आइसोलेशन में हैं।

महाराष्ट्र सरकार के ऑक्सीजन की सप्लाई रोकने के बाद प्रदेश सरकार ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। उच्च न्यायालय की इंदौर खंडपीठ ने महाराष्ट्र सरकार को आदेश दिया था कि सप्लाई जारी रखे। हालांकि मध्य प्रदेश में बिगड़ते हालात देख केंद्र सरकार ने हस्तक्षेप किया और छत्तीसगढ़ के भिलाई स्टील प्लांट से ऑक्सीजन की सप्लाई प्रदेश को मिली। अब प्रदेश को भिलाई स्टील प्लांट से रोज 60 टन ऑक्सीजन की सप्लाई मिलेगी।