
Pandit Pradeep Mishra
भोपाल। आजकल सब एक-दूसरे की बुराई ढूंढते रहते हैं। आंखें खोलकर दूसरों में बुराई देखने से अच्छा है कि आंखे बंद कर अपने भीतर की बुराइयों को देखें, उसे दूर करें। इससे आपके भीतर की बुराई दूर होगी व अच्छाई का प्रवेश होगा। करोंद में चल रही शिवमहापुराण कथा में यह बात कथावाचक पं. प्रदीप मिश्रा ने कही। कथा के चौथे दिन शिव भक्ति के अनेक प्रसंगों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि जन्म लेना अलग विषय है और भक्ति करना अलग। संसार सागर में जन्म लिया है, तो राम का नाम लेना पडे़गा।
‘जवानी में किए पाप बुढ़ापे में नहीं धुल सकते’
पं. मिश्रा ने कहा कि बड़े आश्चर्य की बात है कि संसार के लोग पाप करते हैं जवानी में और पुण्य करते हैं बुढ़ापे में। यह श्रेष्ठ नीति नहीं है। गलत काम, छल कपट, धोखेबाजी जवानी में कर रहे हो तो बुढ़ापे में कितने भी पुण्य करो इससे निजात नहीं मिलेगी। अगर हमारे कपड़े पर चाय, कॉफी गिर जाए और कपड़े को कई महीनों तक नहीं धोया जाए और बाद में धोया जाए तो उसका दाग नहीं मिट सकता। इसी तरह जवानी में किए गए पाप बुढ़ापे में नहीं धूल सकते। कथा के दौरान मंगलवार को गणेश विवाह की झांकी सजाई गई।
भक्ति के साथ सेवा
कायस्थ समाज बांट रहा खिचड़ी
अभा कायस्थ महासभा ने पांच स्टाल लगाए हैं इसमें महासभा के प्रदेश अध्यक्ष सुनील श्रीवास्वत ने बताया किसी दिन नींबू पानी, ठंडाई का वितरण कर रहे हैं। मंगलवार को मीठी छाछ का वितरण किया। सुबह चावल की खिचड़ी बनाकर वितरित की।
रोजाना पोहे का वितरण
कथा स्थल पर बाबूलाल भगवती सोनी ट्रस्ट पोहा बांट रहा है। ट्रस्ट अध्यक्ष प्रदीप सोनी व सचिव प्रमोद नेमा ने बताया कि प्रतिदिन सुबह 6 से 11 बजे तक 5 क्विंटल पोहे का वितरण किया जा रहा है। इसी प्रकार साहू समाज समिति नरेला रोजाना पोहे वितरित कर रहे हैं। साथ ही कई सामाजिक संगठनों ने भी स्टॉल लगाए गए हैं। अध्योध्यावासी वैश्य समाज, सिंधी समाज, बड़वाले महादेव कीर्तन समिति, चिकित्सा शिक्षा कल्याण समिति, समन्वयन संस्था, माहेश्वरी समाज, ओम शिव शक्ति सेवा मंडल, अग्रवाल समाज, करुणाधाम आश्रम सहित अन्य संगठनों की ओर से शीतल पेयजल, नाश्ता, साबूदाना खिचड़ी आदि के स्टाल लगाए गए हैं। इसी प्रकार आयोजन समिति की ओर से पंडाल में रूके लोगों को रात्रि में भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है।
Published on:
14 Jun 2023 12:15 pm
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