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1200 सौ साल पहले सीहोर में परमार राजाओं ने बनाए थे अद्भुत मंदिर, अब फिर से देख सकेंगे पर्यटक

सीहोर के देवबड़ला में मिले पांच नए मंदिर, डेढ़ साल में तैयार होंगे शिव-गौरी के 12 सौ वर्ष पुराने मंदिर, अब तक यहां 16 मंदिरों की खोज की जा चुकी है।

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सीहोर जिले में स्थित देवबड़ला में दो मंदिरों का पुननिर्माण होगा। यहां खुदाई में अब तक 15 मंदिर मिल चुके हैं। 16वें मंदिर के होने के प्रमाण मिले हैं, लेकिन ये काफी जीर्ण-शीर्ण अवस्था है। जल्द ही यहां उत्खनन का काम शुरू होगा। शिव मंदिर करीब 60 फीट ऊंचाई का होगा तो देवी मंदिर 40 फीट ऊंचा होगा। इन्हें तैयार करने में करीब डेढ़ साल का समय लगेगा।

गौरी मंदिर 42 तो शिव मंदिर 60 फीट ऊंचा होगा

स्थानीय पत्थरों से बने इन मंदिर समूह में शिव, विष्णु, गौरी, लक्ष्मी-नारायण, कार्तिक, देवी मंदिर हैं, अन्य मंदिरों में मूर्तिया नहीं मिली थी, लेकिन 5 की बनावट से पता चला कि ये भी शिव मंदिर ही थे। गौरी मंदिर और शिव मंदिर की डीपीआर तैयार की जा रही है। गौरी मंदिर 42 तो शिव मंदिर 60 फीट ऊंचा होगा। समय के साथ यहां मिट्टी-पत्थर की दीवार भी टूट गई है। पानी और मिट्टी के कटाव से बचाने के लिए यहां फिर से दीवार भी तैयार की जाएगी।

दो मंदिरों का हो चुका है निर्माण

इन मंदिरों का निर्माण 11वीं-12वीं शताब्दी में हुआ था। पुरातत्वविदों के अनुसार प्राकृतिक आपदाओं और आक्रमण के चलते ये मंदिर ध्वस्त हो गए। 2016 में इनके बारे में पता चला था। शुरुआत में यहां परमार कालीन 11 मंदिर चिन्हित किए गए थे। 2020 में 52 फीट ऊंचा शिव मंदिर करीब 30 लाख की लागत से पुनर्निमित किया गया था। अभी दूसरे मंदिर का काम चला रहा है, जो भगवान विष्णु को समर्पित था। 42 फीट ऊंचे इस मंदिर के शिखर का हिस्सा का निर्माण शेष है, जल्द ही इसे पूरा कर लिया जाएगा। इस पर भी करीब 25 लाख का खर्च आया।