भोपाल

दो हफ्ते तक मरीज को रखा आर्टिफिशियल लंग्स पर

दो माह के लंबे संघर्ष के बाद हराया जानलेवा बीमारी को

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May 16, 2023

भोपाल. एम्स अस्पताल में आर्टिफिशियल लंग्स से मरीज के शरीर में दो हफ्ते तक ऑक्सीजन सप्लाई की गई है। फेफड़ों की गंभीर बीमारी एक्यूट रेस्पिरेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम (एआरडीएस) से पीड़ित 32 वर्षीय महिला का ऑक्सीजन लेवल मात्र 42 फीसदी पर था। दो माह के उपचार के बाद मरीज को नई जिंदगी मिली।

प्रदेश में पहली बार, फैफड़े बुरी तरह हो गए थे क्षतिग्रस्त
प्रदेश में यह पहला मौका है जब सरकारी अस्पताल में आर्टिफिशियल लंग्स का काम करने वाली 60 लाख की ईसीएमओ (एक्मो) मशीन का उपयोग किया गया। 27 मार्च को मरीज को खांसी और सांस लेने में तकलीफ के चलते एडमिट किया गया। फेफड़े बुरी तरह क्षतिग्रस्त होने के चलते शरीर को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन नहीं दे पा रहे थे। ऐसे में मरीज को रेस्पिरेटरी इंटेंसिव केयर यूनिट (आरआईसीयू) में शिफ्त किया। लगातार बिगड़ती हालत को देखते हुए एक्मो मशीन पर रखा गया।

लंबे समय के चलते करनी पड़ी ट्रेकियोस्टोमी
एम्स के डॉक्टरों के अनुसार मरीज के लंबे समय तक ऑक्सीजन सपोर्ट पर होने के कारण ट्रेकियोस्टोमी भी करनी पड़ी। इसमें गर्दन के सामने से सांस लेने में मदद करने के लिए विंडपाइप में एक ट्यूब डाली जाती है। इस पूरी प्रक्रिया से फेफड़ों को पूरा आराम मिला। जिससे वे सेल्फ रिकवर यानि खुद को ठीक कर सके।

डॉक्टरों की टीम
पल्मोनरी मेडिसिन विभाग के डॉक्टरों डॉ. अभिषेक गोयल, डॉ. अलकेश खुराना ने कार्डियोथोरेसिक और वैस्कुलर सर्जरी विभाग के डॉक्टरों डॉ. योगेश निवारिया, डॉ किशन, डॉ सुरेंद्र, डॉ मौली किरण के सहयोग से इलाज किया।

क्या है ईसीएमओ मशीन
एक्सट्राकॉर्पोरियल मेंब्रेन ऑक्सीजिनेशन (ईसीएमओ) एक एडवांस तकनीक है, जो लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर काम करती है। यह शरीर से रक्त निकालती है, उसे ओक्सिजनेट करती है, उस रक्त से कार्बन डाइआॅक्साइड को बाहर करती है, फिर शरीर में उसी रक्त को वापस भेजती है। जिससे रोगी के क्षतिग्रस्त अंग या दिल की गति ठीक हो जाती है। ईसीएमओ दो प्रकार के होते हैं, वेनोएक्टोरियल, जो हृदय और फेफड़ों को सपोर्ट करती है। वेनोवेनॉस, जो केवल फेफड़ों के लिए आॅक्सीकरण सपोर्ट करती है। ईसीएमओ मशीन फेफड़ों के प्रत्यारोपण सहित सर्जरी से पहले और बाद में गंभीर हृदय और श्वसन विफलता वाले रोगियों के लिए एक रामबाण का काम करता है।

ईसीएमओ का उपयोग कब किया जाता है
. हार्ट फेल, फेफड़ों के काम ना करने या दिल की सर्जरी से उबरने वाले रोगियों के लिए।
. जब डॉक्टर हृदय या फेफड़ों की सर्जरी करने से पहले अन्य अंगों जैसे कि गुर्दे या मस्तिष्क की स्थिति का आकलन करना चाहते हैं।
. कार्डियक कैथीटेराइजेशन लैब में हाई रिस्क प्रोसीजर के दौरान सपोर्ट के लिए।
. फेफड़ों के प्रत्यारोपण की प्रतीक्षा कर रहे रोगियों के लिए।

ईसीएमओ के नुकसान
. उन जगहों पर संक्रमण हो जाता है, जहां से ट्यूब शरीर में प्रवेश करती है।
. संक्रमण की समस्या, क्योंकि ईसीएमओ पर किसी व्यक्ति को रक्त दिया जाता है।
. अचानक से होने वाले स्ट्रोक की संभावना बढ़ जाती है।

Updated on:
16 May 2023 09:31 pm
Published on:
16 May 2023 09:28 pm
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