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डॉलर में उछाल से निर्यातकों को फायदा, आयातकों को देना पड़ रहा हाइ वैल्यू

अकेले भोपाल और मंडीदीप के उद्योगों से ही करीब 15000 करोड़ रुपए का सामान सालाना निर्यात होता है।

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डॉलर में उछाल से निर्यातकों को फायदा, आयातकों को देना पड़ रहा हाइ वैल्यू

भोपाल। डॉलर की तुलना में रुपए की विनिमय दर 72 रुपए प्रति डॉलर के आसपास पहुंचने से उद्योग जगत खासकर विदेश से जरूरत का सामान उपलब्ध कराने वाले आयातकों की परेशानी बढ़ गई है। उन्हें 'यादा डॉलर (बदलकर रुपए) देना पड़ रहा है। एक मोटे अनुमान के मुताबिक डॉलर के रेट बढऩे से आयात आधारित उद्योगों को 5 से 6 से प्रतिशत 'यादा राशि खर्च करना पड़ रहा है। अकेले भोपाल और मंडीदीप के उद्योगों से ही करीब 15000 करोड़ रुपए का सामान सालाना निर्यात होता है। जानकारों का कहना है कि डॉलर के रेट बढऩे के बावजूद फारेन करेंसी आसानी से उपलब्ध हो रही है लेकिन आयातकों को Óयादा डॉलर चुकाना पड़ रहा है। इसलिए आयातित माल की आवक पर भी असर देखने को मिल रहा है।

क्या होता है आयात- निर्यात
मध्यप्रदेश के भोपाल, पीथमपुर, मंडीदीप, बुधनी, इंदौर जैसे औद्योगिक क्षेत्रों से यार्न, इंसूलेटर, ग्रेफाइड राड, हाइड्रो जनरेटर, इंजीनियरिंग गुड्स, फार्मास्यूटिकल, फूड प्रोडेक्ट्स, खड़ा अनाज, मिनेरल्स, सीमेंट, स्टोन, चमड़ा उत्पाद, रेडीमेट गारमेंट्स, पावर जेनरेशन इक्यूपमेंट जैसे उत्पादों का प्रमुख रूप से निर्यात होता है। जबकि इंजीनियरिंग कम्पोनेट, इलेक्ट्रानिक हार्डवेयर, हैवी मशीनरी सहित उद्योगों में लगने वाले रॉ मटेरियल का आयात होता है।

इन देशों में होता है निर्यात
अकेले भोपाल, मंडीदीप से यूके, कनाडा, बांग्लादेश, इंडोनेशिया, भूटान, नेपाल, इराक, रसिया, दुबई सहित अफ्रीकन कंट्रियों में माल का निर्यात होता है।

एक्सपर्ट व्यू
आम आदमी पर होगा असर
फोटो- डॉलर की तेज दौड़ का असर आम आदमी पर होगा। इम्पोर्टेड सामान महंगा हो जाएगा। इसके अलावा विदेशों में घूमना, विदेश में पडऩे वाले ब"ाों की शिक्षा, सोना, क"ाा तेल महंगा हो जाएगा। क"ो तेल के बढऩे से डीजल-पेट्रोल के दाम और बढ़ेंगे। माल भाड़ा बढ़ेगा। इससे खुदरा महंगाई बढ़ेगी। इन परिस्थितियों के चलते अगले माह भारतीय रिजर्व बैंक ब्याज दरें भी बढ़ा सकता है, जिससे होम, ऑटो लोन महंगे हो जाएंगे। यह एक बहुचक्रीय प्रभाव वाली प्रणाली है। यदि डॉलर के रेट रुपए की तुलना में 75 से ऊपर चले गए तो सर्वाधिक महंगाई डीजल-पेट्रोल में देखने को मिलेगी। ऐसे में आम आदमी को अपने खर्चे कम करना होगा। निजी की जगह सार्वजनिक परिवहन सेवाओं (पूल करके) का उपयोग करना चाहिए। सरकार को चाहिए कि डॉलर की आसमानी तेजी को देखते हुए वस्तुओं पर लगने वाली इम्पोर्ट ड्यूटी और टैक्स को कम करें, तभी महंगाई पर कुछ कंट्रोल किया जा सकता है।
आदित्य मनयां जैन, मार्केट एक्सपर्ट

खरीदी बंद करना चाहिए
फोटो- डॉलर में लगातार आ रहे उछाल को देखते हुए आम आदमी को कुछ गैर जरूरी वस्तुओं की खरीदी बंद करना चाहिए। जैसे गत वर्ष 110 करोड़ के खिलौने चीन से आयात किए गए। इस तरह की कई वस्तुओं के उपयोग को बंद करना चाहिए। डॉलर की तेजी से फिलहाल आयात आधारित उद्योगों को नुकसान हो रहा है।
डॉ. राधाशरण गोस्वामी, निर्यातक एवं चेयरमैन, मप्र फेडरेशन

हाई वैल्यू पै करना पड़ रहा है
महंगे डॉलर के कारण आयातीत मटेरियल काफी महंगे हो रहे हैं। इम्पोर्ट वाले गुड्स पर हाई वैल्यू पै करना पड़ रहा है। इनके अलावा कुछ बड़े उद्योगपतियों के ऋण नहीं चुकाने और विदेश भागने जैसी घटनाओं से उद्योगों को लोन देने में बैंकों ने सख्ती शुरू कर दी है। इसका असर आम आदमी पर आ रहा है।
डी.के. जैन, अध्यक्ष, मंडीदीप इंडस्ट्रीज एसोसिएशन