
Patrika Raksha Kavach Abhiyan: अभिलाष (परिवर्तित नाम) रोज की तरह सुबह होते ही अपने कारोबारी काम से इसी साल जनवरी में दूसरे शहर का रुख करते हैं…दिनभर अपने बिजनेस से जुड़े काम निपटाते हैं, शाम होते ही उनके कुछ पुराने दोस्त मिलने होटल आते हैं। कई दिनों बाद सभी दोस्त मिलते हैं तो घंटों पार्टी चलती है। फिर सभी अपने-अपने घर लौट जाते हैं। रात ज्यादा होने से अभिलाष अगले दिन भोपाल लौटने की सोचकर होटल में ही रुक जाते हैं। बस यह रात ही अभिलाष पर भारी पड़ती है, योंकि यहीं से शुरू होती है उनके साथ ठगी की चाल…।
अभिलाष इंस्टाग्राम को सबसे ज्यादा समय देते थे। उस रात भी होटल में इंस्टाग्राम देख रहे थे। तभी एक शिवानी नाम की प्रोफाइल पर नजर गई। सुंदर तस्वीर वाली उस प्रोफाइल को क्लिक कर कुछ पोस्ट देखीं। दूसरे दिन अपने शहर लौट आए। दो तीन बाद फिर इंस्टाग्राम में उसी प्रोफाइल को देखा। चार दिन बाद शिवानी खुद अभिलाष को मैसेज करती है। तस्वीर वाली ड्रीम गर्ल का मैसेज खुद आ जाए तो हैरानी से ज्यादा खुशी होती है।
ठग के फेंके पहले जाल में अभिलाष फंसने लगे। शिवानी से बातचीत का सिलसिला शुरू हुआ। वो वीडियो कॉल पर महंगे परफ्यूम और गिफ्ट की मांग करने लगी। नामी पब से वीडियो कॉल करती। बातें इतनी केयरिंग होती कि अभिलाष के मन में शादी तक के ख्याल आने लगे। कई बार शादी के लिए कहा भी तो समय आने की बात कहकर टाल दिया।
अभिलाष ने रात 2 बजे मैसेज का जवाब दिया.. बस यहीं से शुरू हुई ठगी की पहली कड़ी। सिलसिला वीडियो कॉल से आगे बढ़ चुका था। देर रात तक दोनों में अश्लील बातें और वीडियो कॉल हुए। पत्रिका ने खुलकर पूछा कि कितनी बार न्यूड वीडियो कॉल की।
ठग के पास अभिलाष की पर्सनल इन्फो, फोटो और न्यूड वीडियो तैयार कर लिए थे। गिफ्ट की जगह राशि की डिमांड शुरू हुई। 5 माह बाद एक दिन 15 लाख की डिमांड की और नहीं देने पर बदनामी की धमकी मिली तो पैरों के नीचे से जमीन खिसक गई। अभिलाष का बर्ताव बदलने लगा। 24 घंटे तनाव में नजर आने लगे।
वे बताते हैं कि 10-20 हजार रुपए तो इतनी बार दिए कि उसका हिसाब ही नहीं रखा। जब परिजनों को पूरी बात बताई तो मन हल्का हुआ। पुलिस की मदद ली तब तक देर हो चुकी थी। पैसा क्रिह्रश्वटोकरेंसी से विदेश पहुंच चुका था। पड़ताल में खुलासा हुआ कि आइडी फेक थी। तस्वीर एआइ टूल से बनाई गई। फोन की वॉइस में भी मैजिक एप का इस्तेमाल होता था।
- पाठकों को पीड़ित खुद कर रहें जागरूक सोशल मीडिया में महिला मित्र की दोस्ती मतलब सिर्फ फ्रॉड है।
- वीडियो कॉल आने पर कैमरे के सामने खुद को कभी न रखें।
- प्रदेश में साल भर में 471 डिजिटल अरेस्ट, 138 केस अब भी लंबित 2024 में अब तक के सबसे ज्यादा डिजिटल अरेस्ट के 471 प्रकरण पुलिस ने दर्ज किए हैं।
-बढ़ते मामलों को देखते हुए साइबर पुलिस भी सक्रिय हुई है। लगातार ठगों के चंगुल से लोगों को बाहर निकाल रही है।
-2024 में ओटीपी फ्रॉड के मामले में मप्र में सबसे ज्यादा इंदौर में आए हैं।
2024 में अब तक के सबसे ज्यादा डिजिटल अरेस्ट के 471 प्रकरण पुलिस ने दर्ज किए हैं। बढ़ते मामलों को देखते हुए साइबर पुलिस भी सक्रिय हुई है। लगातार ठगों के चंगुल से लोगों को बाहर निकाल रही है। 2024 में ओटीपी फ्रॉड के मामले में मप्र में सबसे ज्यादा इंदौर में आए हैं।
मप्र साइबर सेल के डीआइजी यूसुफ कुरैशी कहते हैं कि सभी को यह मूलमंत्र याद रखना चाहिए कि ओटीपी से सिर्फ पैसा जाता है कभी आपके खाते में पैसा आएगा नहीं।
आज बैंक खाते से लेकर ट्रेन की टिकट, शॉपिंग, पासवर्ड बदलना, सभी काम ओटीपी के जरिए ही होता है। इसलिए ठगों ने यहां बड़ा स्कोप बना लिया है।
-कुलदीप वर्मा, साइबर एक्सपर्ट
सुझाव और अपनी परेशानी के लिए सोमवार से शनिवार सुबह 10.00 से शाम 5.00 बजे तक संपर्क कर सकते हैं।
Updated on:
04 Dec 2024 05:50 pm
Published on:
04 Dec 2024 08:58 am
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