
Patrika Raksha Kavach Abhiyan: डिजिटल अरेस्ट के बढ़ते मामलों के बीच सख्ती कर केंद्र सरकार ने देश भर में 1700 स्काइप आइडी व 59000 वॉट्सऐप खाते ब्लॉक कराए हैं। सरकार का दावा है लगातार प्रयासों से केस घटे हैं। सख्ती व जागरुकता से 4800 करोड़ रुपए बचे। लोकसभा में गृह मंत्रालय के राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने यह जानकारी दी। बोले-साइबर अपराध से निपटने भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र बनाया है।
केंद्र ने 8.6 लाख अवैध खातों का डेबिट फ्रिज किया। 6.69 लाख से अधिक सिम कार्ड और 132000 आइएमइआइ ब्लॉक किए। टोल फ्री नंबर 1930 पर 9.94 लाख शिकायतों में 3431 करोड़ की राशि बचाई गई।
साइबर फ्रॉड के मामले रोज सामने आ रहे हैं। फ्रॉड से लोगों को बचाने के लिए पत्रिका रक्षा कवच के नाम से अभियान चला रहा है। इसी के तहत अशोका गार्डन स्थित सम्राट पार्क में आयोजन हुआ। इसमें आइटी एक्सपर्ट से लेकर नौकरी पेशा, व्यापारी, महिलाएं और बच्चे ने साइबर फ्रॉड से कैसे बचे इस पर चर्चा हुई।
आइटी एक्सपर्ट इनाम अंसारी ने लोगों को बताया कि साइबर फ्रॉड में फंसने का मुख्य कारण लालच है। दूसरा जानकारी न होना। अपराधी इसका फायदा उठाते हैं। डिजिटल अरेस्ट जैसे मामले इसी का नतीजा है। बचने के लिए बच्चों को डिवाइस कम दें और अनजान लिंक को क्लिक न करें।
मोबाइल पर कई बार अनजान कॉल आते हैं। उन्हें उठाने पर ऐसी सूचना मिलती है जो परेशानी वाली होती है। कनेक्शन कट करने और मदद की बात करते है। ये साइबर ठग हो सकते हैं। पुलिस को भी सूचना दें।
-मोहम्मद अजीम, रिटायर्ड कर्मचारी
मोबाइल के उपयोग में कुछ सावधानी फ्रॉड से बचा सकती है। ऑफर, जैसी लिंक पर क्लिक न करें। कोशिश करें मोबाइल पर एप्लीकेशन कम हो। पासवर्ड हमेशा स्ट्रांग हो। निजी जानकारी किसी को नहीं दें। कोशिश करें बच्चों की इससे दूरी रहे। अधिकांश मामलों में अनजान ङ्क्षलक पर बच्चे क्लिक कर देते हैं।
-इनाम अंसारी, आइटी एक्सपर्ट
आए दिन डिजिटल अरेस्ट के मामले आ रहे हैं। लोगों को इसकी जानकारी नहीं है। इसकी जानकारी होना जरूरी है। पत्रिका में लगातार खबरें आ रही हैं। जागरुकता ही बचाव है। कोई संदेह होने पर पुलिस को बताए।
-अजीज मोहम्मद, कर्मचारी संगठन पदाधिकारी
जिस तेजी से मोबाइल और उस पर इंटरनेट का उपयोग बढ़ा उसी तेजी से साइबर फ्रॉड के मामले। बच्चों के बीच उनका उपयोग बढ़ रहा है। पढ़ाई के नाम पर इस्तेमाल हो रहा मोबाइल पढऩे की क्षमता कम कर रहा है। लोग संभल कर इस्तेमाल करें।
- केदारनाथ गुप्ता, रेलवे कर्मचारी
अनजान क्यूआर कोड को स्कैन न करें, अनजानी ङ्क्षलक पर क्लिक न करें और न ही उसे डाउनलोड करें। अपनी व्यक्तिगत जानकारी किसी को भी नहीं दें, पासवर्ड फोन में सेव न करें।
-डीआर राजपूत, रहवासी
मोबाइल से बैंक खाता से लेकर पासवर्ड और सभी जानकारी सेव होती है। राशि दूसरे के बैंक में भी ट्रांसफर हो जाती है। उसमें खातेदार का नाम वेरीफाइ कर लेना चाहिए।।
-श्रीकांत द्विवेदी, रहवासी
Updated on:
11 Dec 2024 11:10 am
Published on:
11 Dec 2024 11:08 am
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