19 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

क्या दिग्विजय के सियासी चाल को मात दे पाएंगे सिंधिया-कमलनाथ? मंत्री ने कहा- मैं बनना चाहता हूं प्रदेश अध्यक्ष

प्रदेश अध्यक्ष के लिए तीनों खेमे सक्रिय हैं। सिंधिया समर्थक विधायक लगातार प्रदेश अध्यक्ष बनाने की मांग कर रहे हैं।

3 min read
Google source verification

भोपाल

image

Pawan Tiwari

Aug 28, 2019

congress

भोपाल.मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष को लेकर एक बार फिर से खेमेबाजी की सियासत शुरू हो गई है। ज्योतिरादित्य सिंधिया और मुख्यमंत्री कमलनाथ के बाद अब पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के खेमे ने अध्यक्ष पद के लिए लामबंद होने लगे हैं। सूत्रों का कहना है कि तीनों खेमे के नेता दिल्ली में अपनी-अपनी दावेदारी पेश करने में जुटे हुए हैं।

दिग्विजय भी हुए सक्रिय
मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह मंगलवार को पूर्व मंत्री अजय सिंह के निवास पर पहुंचे। उनके साथ प्रदेश के सहकारिता मंत्री डॉ गोविंद सिंह भी मौजूद थे। अजय सिंह और गोविंद सिंह दोनों ही दिग्विजय सिंह के करीबी नेता माने जाते हैं। बताया जा रहा है कि तीनों नेताओं के बीच करीब 3 घंटे तक मुलाकात चली। हालांकि बंद कमरे के बीच क्या बातें हुईं ये कोई नहीं जानता पर कहा जा रहा है कि अजय सिंह को प्रदेश अध्यक्ष बनाने की कवायद की जा रही है।

दिग्विजय ने कहा- उपयुक्त व्यक्ति का होगा चयन
तीनों नेताओं की मुलाकात के बाद जब दिग्विजय सिंह बाहर आए तो मीडिया से बात करते हुए उन्होंने केवल इतना कहा कि मैं अध्यक्ष पद की दौड़ में नहीं हूं लेकिन उपयुक्त नेता को अध्यक्ष बनना चाहिए। वहीं, डॉ गोविंद सिंह ने तो अपनी इच्छा जाहिर कर दी। डॉ गोविंद सिंह ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि मैं अध्यक्ष बनना चाहता हूं लेकिन मुझे बनाएंगे नहीं।

पहले भी सामने आया था अजय सिंह का नाम
बता दें कि लोकसभा चुनाव के समय भी अजय सिंह का नाम प्रदेश अध्यक्ष के लिए सामने आया था। हालांकि इस दौरान पार्टी के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने निर्णय लिया था कि मुख्यमंत्री कमल नाथ के नेतृत्व में ही लोकसभा के चुनाव लड़े जाएंगे।


सिंधिया खेमे के मंत्री नाराज
लोकसभा चुनाव से पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया को प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने की मांग थी लेकिन पार्टी ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को पश्चिमी उत्तर प्रदेश का प्रभार सौंप दिया था। इस बार प्रदेश अध्यक्ष के चयन से पहले ही ज्योतिरादित्य सिंधिया को महाराष्ट्र की जिम्मेदारी दी गई है। ज्योतिरादित्य सिंधिया को महाराष्ट्र की जिम्मेदारी दिए जाने से उनके समर्थक मंत्री नाराज हैं। प्रदेश की महिला एवं बाल विकास मंत्री इमरती देवी ने तो यहां तक कह दिया कि अगर महाराज को कोई जिम्मेदारी देनी है तो मध्यप्रदेश में दो महाराष्ट्र में कौन पूछेगा। सिंधिया समर्थक कई मंत्री पहले भी ज्योतिरादित्य को प्रदेश अध्यक्ष बनाने के मांग कर चुके हैं। वहीं, दूसरी तरफ मुरैना के जिला अध्यक्ष यहां तक कह चुके हैं कि अगर सिंधिया को प्रदेश अध्यक्ष नहीं बनाया गया तो वो अपने पद से इस्तीफा दे देंगे।

क्या कहा सिंधिया ने ?
प्रदेश अध्यक्ष की मांग को लेकर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने साफ कहा है कि ये फैसला दिल्ली में लिया जाएगा। पार्टी में किसे क्या जिम्मेदारी मिलती है ये हाई कमांड तक करता है।

बाला बच्चन का नाम रेस में
कमलनाथ के करीबी और प्रदेश के गृहमंत्री बाला बच्चन का नाम कांग्रेस अध्यक्ष की रेस में है। बाला बच्चन मध्यप्रदेश के गृहमंत्री हैं और सूत्रों का कहना है कि कमलनाथ चाहते हैं कि प्रदेश अध्यक्ष किसी आदिवासी नेता को बनाया जाए। अगर बाला बच्चन प्रदेश अध्यक्ष बनते हैं तो ऐसे में कमलनाथ खेमा एक बार फिर से मजबूत होगा। कांग्रेस की परंपरा के अनुसार, प्रदेश अध्यक्ष का पद सीए की पवार के बराबर होता है।