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MP: कोर्ट में जमा हो रही हैं फाइलें, 14 लाख से ज्यादा पेंडिंग हैं केस

प्रदेश की विभिन्न अदालतों में लंबित मामलों की संख्या 14 लाख से ज्यादा हो चुकी है। यह खुलासा विधि एवं न्याय मंत्रालय की रिपोर्ट में हुआ है।

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rishi upadhyay

Oct 24, 2016

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भोपाल। प्रदेश की विभिन्न अदालतों में लंबित मामलों की संख्या 14 लाख से ज्यादा हो चुकी है। यह खुलासा विधि एवं न्याय मंत्रालय की रिपोर्ट में हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार मप्र हाईकोर्ट में जहां 2 लाख 73 हजार 827 मामले लंबित चल रहे हैं तो वहीं जिला व अधीनस्थ अदालतों में लंबित मामलों की संख्या 11 लाख 91 हजार 799 तक पहुंच चुकी है।


यह स्थिति उस वक्त है जब हाईकोर्ट में हर साल औसतन एक लाख मामले और निचली अदालतों में भी औसतन 11 लाख मामले निपटाए जा रहे हैं। देखा जाए तो इस वक्त कुल 14 लाख 65 हजार 626 मामलों में कोर्ट को फैसला सुनाना अभी बाकी है।


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बढ़ती जा रही है फेहरिस्त
प्रदेश में लंबित मामलों की संख्या जिस रफ्तार से बढ़ रही है उसका सीधा असर लोगों को समय पर न्याय नहीं मिलने से चुकाना पड़ रहा है। बात यदि बालकों के विरुद्ध अपराधों के लंबित मामलों की करें तो यह संख्या 44 हजार 105 है, जबकि तलाक के 34 हजार 165 मामले लंबित है। अमूमन यही हाल उपभोक्ता फोरम का भी है 33 हजार 307 मामलों के साथ लोगों के प्रकरण सालों से लंबित चल रहे हैं।

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रिटायर जस्टिस बोले- सिस्टम सुधारने की जरूरत
मप्र के पूर्व लोकायुक्त और सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जस्टिस पीपी नावेलकर इस स्थिति को चिंताजनक बताते हैं। वे कहते हैं जजों की कमी के साथ इस स्थिति के लिए कई चीजें जिम्मेदार हैं, जिन पर यदि अब भी ध्यान नहीं दिया गया तो आगे स्थिति और खराब होगी।


उन्होंने कहा कि मामले की तारीख बढ़ाने की वकीलों की प्रथा को खत्म करना जरूरी है। इसके लिए जिस दिन केस लगे, उसी दिन मामले का निपटारा किया जाए। इसके अलावा यह भी देखना होगा कि लोग इतनी बड़ी संख्या में कोर्ट में क्यों जा रहे हैं। सरकार को चाहिए कि वे अपने सिस्टम की खामी भी सुधारे, जिससे लोगों को छोटी-छोटी बातों में कोर्ट की शरण न लेना पड़े।

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