
पुणे में पवार परिवार एकजुट होकर बीजेपी का मुकाबला करेगा? (Photo: IANS)
महाराष्ट्र में महानगरपालिका चुनावों का बिगुल बजते ही राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने कहा कि पुणे और पिंपरी-चिंचवड में भाजपा अजित पवार नीत राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के साथ चुनाव नहीं लड़ेगी।
दिलचस्प बात यह है कि इस ऐलान के कुछ ही घंटों बाद पिंपरी-चिंचवड की सियासत में पवार परिवार को लेकर एक अहम हलचल देखने को मिली। जानकारी सामने आ रही है कि शहर में अजित पवार और शरद पवार गुट एक बार फिर एकजुट होने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।
एनसीपी (अजित पवार) के शहर चुनाव प्रमुख नाना काटे और एनसीपी (शरद पवार) की कोर कमेटी के सदस्य सुनील गव्हने के बीच बैठक हुई। यह पहली बार है जब दोनों एनसीपी गुटों के पदाधिकारियों ने पिंपरी चिंचवड महानगरपालिका चुनाव को लेकर एक साथ बैठकर चर्चा की।
बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए नाना काटे (Nana Kate) ने बड़ा खुलासा किया। उन्होंने कहा, "कुछ दिन पहले मुझे सुप्रिया ताई (सुप्रिया सुले) का फोन आया था। उन्होंने पिंपरी-चिंचवड में वोट विभाजन से बचने के लिए और शरद पवार गुट के स्थानीय नेताओं के साथ चर्चा करने की सलाह दी थी।" इससे स्पष्ट है कि नाना काटे और सुनील गव्हाणे ने अजित पवार और सुप्रिया सुले के आदेश पर ही यह बैठक की।
सामने आई जानकारी के अनुसार, इस बैठक में बीजेपी के खिलाफ लड़ने के लिए सटीक रणनीति क्या होनी चाहिए, इस पर चर्चा हुई। दोनों गुटों ने इस पर मंथन किया कि क्या शरद पवार की एनसीपी के उम्मीदवार 'तुतारी' चिह्न पर लड़ेंगे? या केवल 'घड़ी' चिह्न पर ही चुनाव लड़ा जाए? गठबंधन में किन दलों को शामिल किया जाना चाहिए?
इस बीच, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पुणे (Pune Election) और पिंपरी-चिंचवड (Pimpri Chinchwad Election) चुनावों को लेकर एक बड़ी जानकारी दी है। उन्होंने स्पष्ट किया कि राज्य के अधिकांश हिस्सों में बीजेपी, एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजित दादा की एनसीपी एक साथ चुनाव लड़ेगी। लेकिन पुणे और पिंपरी-चिंचवड में बीजेपी और अजित पवार की एनसीपी एक-दूसरे के खिलाफ उतरेगी। हालांकि मुख्यमंत्री ने साफ किया है कि एकनाथ शिंदे की शिवसेना पुणे और पिंपरी-चिंचवड में भाजपा के साथ रहेगी।
फडणवीस ने कहा, "पुणे और पिंपरी-चिंचवड में अजित दादा की एनसीपी और बीजेपी एक साथ नहीं लड़ पाएंगे। अगर हम एक साथ लड़ते हैं, तो इसका फायदा विपक्ष को होगा, यह राजनीति हम दोनों समझते हैं। इसलिए दोनों दल एक-दूसरे के खिलाफ लड़ेंगे और यह ‘फ्रेंडली मुकाबला' होगा। इस पर अजित दादा से चर्चा की गई है।"
सीएम फडणवीस के इस स्पष्टीकरण से दोनों शहरों का राजनीतिक माहौल और गर्म हो गया है। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि दोनों पवार अगर एक साथ आकर बीजेपी को चुनौती देते है तो जनता किसका साथ देगी। दोनों शहरों में 15 जनवरी को वोटिंग होगी और 16 जनवरी को नतीजे आएंगे।
Updated on:
16 Dec 2025 11:59 am
Published on:
16 Dec 2025 11:49 am
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