
नो पार्किंग में वाहनों का जमघट
भोपाल। शहर में यातायात व्यवस्था को दुरुस्त बनाने के लिए ट्रैफिक पुलिस द्वारा चालानी कार्रवाई की तो की जा रही है, पर ये कवायद भी ट्रैफिक सुचारू बनाए रखने में सफल होती नहीं दिख रही। जगह-जगह नो पार्किंग में खड़े किए जाने वाले वाहनों के कारण सडक़ों से आवाजाही मुश्किल हो गई है। हालांकि ट्रैफिक पुलिस ने इसे रोकने के लिए नो पार्किंग के बोर्ड तो लगाए हैं, पर इसके बावजूद सबसे ’यादा वाहन यहीं पार्क किए जाते हैं। कई जगह तो सडक़ पर बनाई गई पार्किंग में अवैध वसूली तक की जाती है। इसके बावजूद न तो नगर निगम एवं और न ही ट्रैफिक पुलिस इनके खिलाफ कार्रवाई नहीं कर सकी है।
न्यू मार्केट...
एक महीने पहले नगर निगम ने यहां करोड़ों की लागत से मल्टी लेवल पार्किंग कॉम्पलेक्स का निर्माण किया है। नगर निगम की अनदेखी का आलम ये है कि चालकों द्वारा नियमों को ताक पर रखकर इसी कॉम्पलेक्स के समीप मुख्य मार्ग पर अवैध रूप से वाहनों की पार्किंग की जा रही हैं।
मानसरोवर कॉम्पलेक्स
इस कॉम्लपेक्स से कुछ ही कदमों की दूरी पर बीजेपी कार्यालय एवं आरटीओ ऑफिस है। यहां आने वाले वाहन चालक नियमों को धता बताकर नो पार्किंग में वाहन खड़ा करते हैं। ये स्थिति तब है जब ट्रैफिक पुलिस ने यहां नो पार्किंग का बोर्ड लगा रखा है।
एमपी नगर
सबसे व्यस्त क्षेत्र कहे जाने वाले एमपी नगर में नगर निगम की अनदेखी से अतिक्रमणकारियों के हौसले बुलंद हैं। जगह-जगह अवैध रूप से जमा ली गई दुकानों के कारण सडक़ें तो संकरी हो ही गई है, वहीं इन दुकानों पर आने वाले ग्राहकों के वाहनों से आवाजाही बाधित होती है।
आए दिन हो रहे सड़क हादसे
प्रदेश में आए दिन बढ़ते सड़क हादसे के चलते ट्राफिक पुलिस द्वारा यह कदम उठाया गया। अधिकतर देखा जा रहा है कि बाइक सवार लोगों की सड़क हादसे में मौत हो रही है। जिसका मुख्यत: कारण हेलमेट न पहनना है। साथ ही तय लिमिट से अधिक स्पीड में गाड़ी चलाना है। वहीं अगर कार हादसों की बात की जाए तो कार हादसों को भी यही हाल है। अंधी गति से गाड़ी चलाना और ट्राफिक नियमों का पालन न करना।
Published on:
04 Sept 2018 05:35 pm
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