
भोपाल। सरकारी खजाने की चिंता के चलते अब सरकार ने वसूली को लेकर परफार्मेंस ऑडिट करना तय किया है। साथ ही केंद्रीय कार्यालयों से सर्विस टैक्स वसूली में सख्ती बरती जाएगी। इसके आधार पर वसूली से संबंधित अफसरों की जवाबदेही तय होगी।
दरअसल, शहरी आवास एवं विकास विभाग वसूली के आधार पर निकायों की सालाना रैंकिंग करता है। इसमें जिन निकायों की स्थिति अच्छी नहीं है, उनको लेकर नाराजगी जताई जाती रही है। हाल ये है कि वसूली के लिहाज से सतना सहित कुछ दूसरे छोटे शहर बेहतर साबित हुए हैं, जबकि अनेक बड़े शहरों की स्थिति खराब है। इस कारण अब सरकार ने तय किया है कि वसूली पर सख्ती बरतना तय किया है। इसमें यह भी पाया गया है कि भोपाल सहित अन्य शहरों में जो केंद्रीय कार्यालय हैं, वहां से सर्विस टैक्स की वसूली भी नहीं हो पा रही है। अनेक जगह चार-चार साल का सर्विस टैक्स नहीं मिला है। इस कारण अब पूरा टैक्स वसूलना तय किया गया है। यह भी निर्देश दिए गए हैं कि मार्च २०२० तक पुराने बकाया की रिकवरी करके पूरा हिसाब दिया जाए। जिन शहरों में वसूली बेहद पिछड़ी है, उनको नोटिस देना भी तय किया गया है। गौरतलब है कि हाल ही में नगरीय प्रशासन विभाग ने निर्देश दिए हैं कि वसूली नहीं होने पर संपति अधिकारियों का वेतन भी रोक दिया जाए। इसके बाद से वसूली को लेकर और सख्ती शुरू हो गई है।
घर-घर जाकर आयुष-इलाज करेंगी 'आशाÓ-
प्रदेश में आशा स्वास्थ्य कार्यकर्ता अब घर-घर जाकर आयुर्वेद, यूनानी व होम्योपैथी (आयुष) पद्धति से इलाज की सुविधा देंगी। इसके लिए सरकार इन कार्यकर्ताओं को आयुष इलाज पद्धति का प्रशिक्षण देगी। यह प्रशिक्षण उन्हें जिलों में आयुष अधिकारियों द्वारा प्रदान किया जाएगा। आयुष अधिकारियों को इस संबंध में प्रशिक्षण देने के लिए राज्य स्तरीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन खुशीलाल आयुष चिकित्सालय में 10 व 11 जनवरी को किया जाएगा। प्रशिक्षण कार्यशाला का शुभारंभ आयुष सचिव डॉ एम के अग्रवाल करेंगे। प्रशिक्षण में मधुमेह एवं अन्य बीमारियों के इलाज के साथ ही जीवन शैली, प्राथमिक स्वास्थ्य, आस-पास उपलब्ध पौधों के उपयोग से घरेलू उपचार आदि की जानकारी दी जाएगी। प्रशिक्षण में प्रदेश भर के 150 आयुष अधिकारी भाग लेंगे।
Published on:
10 Jan 2020 11:34 am
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