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कांस्टेबलों के तबादलों पर अफसरों और गृह मंत्री के बीच खींचतान, पीएचक्यू ने एसपी से मांगी सूची

- पत्र में कहा जहां फोर्स कम हो गई उनमें अधिक फोर्स वाले जिलों से जो कांस्टेबल तबादला चाहता है उसका नाम भेजें    

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भोपाल/ कांग्रेस सरकार ने बीते 9 महीने में कांस्टेबल के ऐसे तबादले किए कि ग्वालियर-चंबल संभाग में 1 हजार जवान अधिक हो गए। जबकि यहां पद ही नहीं है। वहीं भोपाल, जबलपुर, इंदौर समेत एक दर्जन जिलों में कांस्टेबल के 100 से 300 पद तक खाली पड़े हैं। इससे प्रदेशभर में कांस्टेबल पदों को लेकर असंतुलन खड़ा हो गया। गृह मंत्री बाला बच्चन की तरफ से फिर तबादलों की सिफारिशें की जा रही है।

पिछले सप्ताह पुलिस मुख्यालय के अधिकारियों ने इस पर ऐतराज जताया तो मंत्री और अफसरों के बीच भरी बैठक में खींचतान हो गई। गृह मंत्री तबादलों की सूची भेज रहे तो अफसरों को चिंता हो रही है कि पहले से ही एक दर्जन जिलों में कांस्टेबल के सैकड़ों पद खाली हो चुके हैं, यदि फिर इन्हीं जिलों से ग्वालियर-चंबल संभाग में तबादला किया जाता है तो और भी संकट खड़ा हो जाएगा।

अफसरों ने मंत्री के सामने चिंता जाहिर की तो मंत्री बिफर पड़े। अफसरों ने तर्क दिया कि ऐसी स्थिति में कानून-व्यवस्था बनाए रखना मुश्किल हो जाएगा। बीते 9 महीने में जिन जिलों में सबसे अधिक कांस्टेबल की पदस्थापना की गई है, उन जिलों के एसपी को पुलिस मुख्यालय ने पत्र लिखा है। इसमें मांग की है कि यदि कोई कांस्टेबल जिन जिलों में कांस्टेबल की कमी हो गई, उनमें आना चाहता है तो ऐसे कांस्टेबल के नामों की सूची पीएचक्यू को तत्काल भेजें। ताकि उनका तबादला किया जा सके। पुलिस मुख्यालय को चार जिलों की सूची मिल चुकी हैं। अन्य जिलों की सूची भी इसी सप्ताह मिल जाएगी। इसके बाद जिन जिलों में कांस्टेबल की जरुरत है, उनमें पदस्थापना की जाएगी।

राजनीतिक दखल के चलते सबसे अधिक ग्वालियर-चंबल संभाग के दतिया, गुना, ग्वालियर, शिवपुरी, मुरैना, भिंड, श्योपुर व अशोकनगर जिलों में कांस्टेबल के स्वीकृत पदों से भी 1 हजार अधिक पोस्टिंग कर दी गई। वहीं, इंदौर में 300, भोपाल, उज्जैन, सतना, सिंगरोली, बालाघाट में 150-150, रायसेन में 100, सागर, जबलपुर में 50-60 तक कांस्टेबल कम है। यह कमी भी स्वीकृत पदों से कम हो गई।

इन जिलों में कांस्टेबल जाना ही नहीं चाहते। बताया जा रहा है कि ग्वालियर-चंबल संभाग में कांग्रेस के 5 नेताओं का सबसे अधिक दखल रहा है, जिसके कारण पद नहीं होने के बावजूद यहां कांस्टेबल पदस्थ कर दिए गए। अब भी ग्वालियर-चंबल संभाग में पदस्थापना को लेकर नोटशीट पर सिफारिशे आ रही हैं। अफसरों ने इस वस्तुस्थिति के बारे में बताया तो मंत्री नाराज हो गए।

जहां अधिक संख्या में सिपाही पदस्थ है, वहां से कोई सिपाही जहां कम संख्या में है, वहां पदस्थापना चाहने वालों की सूची के लिए एसपी को पत्र लिखा है। रिक्त पदों पर स्थानांतरण करने की यदि कोई सिपाही सहमति देता है तो ऐसे सिपाहियों की जानकारी मंगाई गई है। ताकि फोर्स का संतुलन बनाया जा सके। ज्यादा तबादलों से पुलिस व्यवस्था प्रभावित हो रही है, इसे ठीक करने का प्रयास किया जा रहा है।
- कैलाश मकवाणा, एडीजी, प्रशासन, पुलिस मुख्यालय