
PM decides action
भोपाल.कैलाश विजयवर्गीय ( Kailash Vijayvargiya ) के 'बल्लेबाज' बेटे को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( PM Narendra Modi ) ने अपने 'बाउंसर' से तो बोल्ड कर दिया है। प्रधानमंत्री मोदी संसदीय दल ( BJP Parliamentary Party meeting ) की मीटिंग में साफ शब्दों में कह दिया है कि ऐसे लोगों को बाहर का रास्ता दिखाया जाए। मोदी के डिसीजन के बाद मामला थर्ड अंपायर यानी की पार्टी के पास पेंडिग है। चौबीस घंटे बाद भी आकाश विजयवर्गीय ( Aakash vijayvargiya ) पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
मंगलवार को बीजेपी संसदीय दल की बैठक में मोदी सख्त नजर आएं। इंदौर में विधायक आकाश विजयवर्गीय की करतूत पर बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा कि मैं तो इंदौर की घटना सुनकर हैरान हूं। पहले आवेदन, फिर निवेदन और बाद में दनादन। क्या है ये... यह क्या हो रहा है। मैं सुनकर स्तब्ध हूं। यह कौनसी संस्कृति है। इसके बाद भी आपलोगों ने अफसोस नहीं जताया। किसी भी बाप का बेटा हो, यह तो अस्वीकार्य है भाई। मैं और आप दिन-रात मेहनत कर रहे हैं। बाहर करो पार्टी से ऐसे लोगों को।
आकाश हुए 'बोल्ड'
मोदी के बयान के बाद ही यह तय माना जा रहा है कि आकाश बोल्ड हैं। क्योंकि उन्होंने पीएम ने अपना फैसला सुनाते हुए मामले को पार्टी के पास भेज दिया है। पार्टी यहां बल्लेबाज विधायक पर कार्रवाई के लिए थर्ड अंपायर की भूमिका में है। मोदी के बयान के बाद संगठन महामंत्री रामलाल एक्टिव तो हुए लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। कहा जा रहा है कि रामलाल ने इस मसले पर कैलाश विजयवर्गीय से भी बात की है।
कैलाश भी हुए 'चोटिल'
बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय पहले से ही विवादित बयानों की वजह से चर्चा में रहते हैं। उनके दामन पर कई दाग हैं। बेटे की गुंडागर्दी ने उन्हें सवालों के घेरे में ला दिया है। तत्कालीन एसपी प्रमोद फलणीकर को जूता दिखाने वाली 23 साल पुरानी तस्वीर आने के बाद मोदी को ऐसी भाषा बोलनी पड़ी।
बेटे का बचाव करते रहे
वहीं, बेटे आकाश की करतूत पर कैलाश विजयवर्गीय या तो चुप रहे या फिर उनका बचाव करते रहे। एक टीवी चैनल पर बेटे के बारे में सवाल पूछने पर तो कैलाश विजयवर्गीय ने यहां तक कह दिया कि हैसियत क्या है, क्या तुम जज करो। इन बयानों और कैलाश के बोल से पार्टी की छवि को गहरा नुकसान हुआ है।
नड्डा लेंगे फैसला
मोदी की सख्ती के बाद कैलाश विजयवर्गीय ने महामंत्री रामलाल से मिलकर सफाई दी। रामलाल ने दो टूक में कहा कि मैं कुछ नहीं कर सकता। दूसरी ओर प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह और शिवराज सिंह चौहान ने रामलाल और फिर कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा से चर्चा की और आकाश के खिलाफ फैसला उन्हीं पर छोड़ दिया।
वहीं, यह भी कहा जा रहा है कि आकाश को 15 दिन का नोटिस देकर उनके समर्थन में आए इंदौर और भोपाल के नेताओं पर कार्रवाई भी कर सकती है। आकाश का भाजपा से निलंबन हो सकता है। बीजेपी नेता नरोत्तम मिश्रा ने तो यहां तक कह दिया था कि कम उम्र है, गलती हो जाती है। हम सभी मिलकर सुधार लेंगे।
Updated on:
03 Jul 2019 03:02 pm
Published on:
03 Jul 2019 03:00 pm
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