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पास्को एक्ट में बड़ा बदलाव, इस राज्य में सबसे ज्यादा लोगों को मिलेगी फांसी की सजा

पास्को एक्ट में बड़ा बदलाव, इस राज्य में सबसे ज्यादा आरोपियों को मिलेगी फांसी की सजा

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भोपाल

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Manish Geete

Apr 21, 2018

pocso

POCSO Act


भोपाल। केंद्र की मोदी सरकार ने शनिवार को बड़ा फैसला लेते हुए नाबालिग बच्चियों के साथ होने वाले रेप पर आरोपियों को फांसी की सजा देने का फैसला कर लिया। जल्द ही पास्को एक्ट में बदलाव के बाद मध्यप्रदेश ऐसा राज्य होगा जहां सबसे ज्यादा फांसी की सजा होगी। क्योंकि पॉक्सो एक्ट के तहत मध्य प्रदेश में कुल 4 हजार 17 मामले दर्ज किए गए और मध्यप्रदेश रेप के मामले में भी अव्वल है। यदि pocso act के मामले ऐसे ही बढ़ते रहे तो मध्यप्रदेश ऐसा राज्य होगा जहां सबसे ज्यादा फांसी की सजा दी जाएगी।

दिल्ली में ढाई घंटे चली बैठक की बाद जैसे ही इस फैसले का ऐलान हुआ, मध्यप्रदेश के कई जिलों में प्रदर्शन करने वाले लोगों में खुशी की लहर दौड़ गई। इससे पहले रेप के मामलों में इस तरह का सख्त कानून बनाने वाला मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य बन चुका है। मध्यप्रदेश ने ही सबसे पहले रेप के आरोपी को फांसी की सजा का प्रावधान करने का मुद्दा उठाया था। मध्यप्रदेश की तरह ही राजस्थान सरकार ने भी फांसी की सजा का ऐलान किया था।

मध्यप्रदेश भाजपा के प्रवक्ता हितेश वाजपेयी इसे सबसे बड़ा कदम बताया है। उन्होंने माना कि देश में छेड़छाड़, दुराचार की वारदातें बढ़ रही है। इधर, इंदौर में हाल ही में चार माह की बच्ची के साथ हुई रेप की घटना और उसे पटक-पटक कर मारने की घटना के बाद इस फैसले को काफी अहम माना जा रहा है। इस फैसले से इंदौर में प्रदर्शन कर रहे लोगों को निश्चित ही राहत मिली है।

मध्यप्रदेश ने पहले ही ले लिया था निर्णय
मध्यप्रदेश में सरकार 12 साल की उम्र तक की लड़कियों के साथ रेप या गैंगरेप करने वाले अपराधियों को फांसी की सजा देने के लिए कानून में फेरबदल का निर्णय पहले ही ले लिया था। शिवराज केबिनेट ने ऐसे अपराधियों को फांसी की सजा देने का प्रावधान करने वाले प्रस्ताव को रविवार को मंजूरी दी गई है।

ऐसे समझे पूरा मामला
छह माह पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में वित्त मंत्री जयंत मलैया ने कहा कि प्रदेश में 12 साल या इससे कम उम्र की लड़कियों के साथ रेप या गैंगरेप करने वाले अपराधियों को फांसी की सजा देने की सिफारिश वाले प्रस्ताव को स्वीकृति दी गई है।

देश भर में रेप के मामलों में MP अव्वल
NCRB के कुछ माह पहले आए आंकड़ों ने सभी को चौंका दिया था। इन आंकड़ों से मध्य प्रदेश में महिलाओं की वास्तविक स्थिति खुलकर सामने आ गई है। साल 2015-16 के इन जारी आंकड़ों के मुताबिक देशभर में रेप की सबसे ज्यादा घटनाएं मध्य प्रदेश में हुई हैं। जी हां, वैसे ये सुनकर आपको चौंकना नहीं चाहिए, क्योंकि मध्य प्रदेश ही इकलौता ऐसा राज्य बन चुका है, जिसमें साल दर साल रेप की घटनाएं घटने के बजाए बढ़ती जा रही हैं। एक ओर जहां पिछले कुछ सालों से मध्य प्रदेश में रेप की सबसे ज्यादा घटनाएं दर्ज की जा रही हैं, वहीं ताजा आंकड़ों के मुताबिक, पिछली बार से प्रदेश में रेप के मामलों में 12.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

बाल अपराधों में तीसरे स्थान पर MP
बाल अपराधों में भी मध्य प्रदेश देश भर में तीसरे स्थान पर है। देश भर में अपहरण और फिरौती के कुल 54 हजार 723 मामले सामने आए हैं। इनमें मध्य प्रदेश में 6 हजार 16 मामले दर्ज किए गए। सबसे ज्यादा मामले उत्तर प्रदेश में 9 हजार 657 दर्ज हुए। वहीं महाराष्ट्र में 7 हजार 956 मामले दर्ज किए गए।

प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेन्स एक्ट, 2012 के अंतर्गत देश भर में कुल 36 हजार 22 मामले दर्ज हुए। इनमें भी मध्य प्रदेश तीसरे स्थान पर है। उत्तर प्रदेश में कुल 4 हजार 954 मामले दर्ज हुए वहीं महाराष्ट्र में 4 हजार 815 मामले दर्ज हुए। पॉक्सो एक्ट के तहत मध्य प्रदेश में कुल 4 हजार 17 मामले दर्ज किए गए।

रेप के आरोपियों के लिए सरकार तय कर चुकी है मौत की सजा
प्रदेश में बढ़ते महिला अपराधों पर रोक लगाने के लिए सरकार की कोशिशें भी लगातार बढ़ती जा रही हैं, हाल ही में मध्यप्रदेश सरकार ने कैबिनेट में एक ऐतिहासिक प्रस्ताव पास किया है जिसके तहत 12 साल से कम उम्र की बच्‍ची के साथ रेप करने का दोषी पाए जाने पर गुनहगारों को मौत की सजा दी जाएगी। यह सजा गैंगरेप वाले मामले में भी लागू होगी। इस मामले में सजा और जुर्माना दोनों ही होगा।

कैबिनेट की बैठक में लिया था फैसला
प्रदेश के वित्त मंत्री जयंत मलैया ने बताया कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की गई थी। धारा 376 (बलात्कार) और 376 डी (सामूहिक बलात्कार) में संशोधन प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गई थी। दोनों धाराओं में दोषी को फांसी की सजा देने का प्रावधान शामिल किया गया है। मध्यप्रदेश सबसे पहला राज्य था जो रेपिस्ट को फांसी की सजा देने का प्रावधान कर चुका था। इसे केंद्र को भी भेजा जाने वाला था।

छेड़छाड़ करने वालों को भी मिलेगी सजा
वित्त मंत्री ने कहा कि मत्रिमंडल ने महिलाओं के साथ छेड़छाड़ और उन्हें घूरने जैसे मामले में दोषियों को सजा के साथ एक लाख रुपए के जुर्माने का कानून में प्रावधान करने का भी प्रस्ताव मंजूर किया है। गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में हाल ही में रेप की घटनाओं में हुई बढ़ोतरी से प्रदेश सरकार को काफी आलोचना का सामना करना पड़ा है, जिसके चलते कैबिनेट ने इस फैसले को मंजूरी दी।

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