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गए थे एफआईआर दर्ज कराने, मिला सिर्फ जांच का आश्वासन

मध्यप्रदेश के मंत्री संजय पाठक के इस्तीफे की मांग पर अड़ी कांगे्रस पीछे हटने को तैयार नहीं है। उधर पुलिस ने  सोमवार के प्रदर्शन को लेकर प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव समेत 500 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। 

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shahid samar

Jan 18, 2017

Bhopal

Bhopal


पाठक के इस्तीफे की मांग पर कांग्रेस बना रही रणनीति

कांग्रेसियों की पिटाई का मामला...


भोपाल.
मध्यप्रदेश के मंत्री संजय पाठक के इस्तीफे की मांग पर अड़ी कांगे्रस पीछे हटने को तैयार नहीं है। उधर पुलिस ने सोमवार के प्रदर्शन को लेकर प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव समेत 500 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। हबीबगंज थाने में दर्ज एफआईआर में कहा गया कि प्रदर्शनकारियों ने शासकीय कार्य में बाधा डाली। दूसरी ओर पुलिस के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने पहुंचे कांग्रेस नेताओं का शिकायती आवेदन लिया गया। पुलिस ने कांग्रेसियों को जांच का आश्वासन देकर चलता कर दिया।


पुलिस का तर्क है कि कार्यकर्ताओं ने चक्काजाम के बाद पुलिस पर पथराव किया। पुलिसकर्मियों पर चप्पल फेंकी और उन्हें धकियाते हुए बैरिकेड्स पर चढ़े थे।


प्रदर्शन में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव के घायल होने की सूचना मिलने के साथ ही मंगलवार को कांग्रेस दफ्तर में हलचल अधिक रही। पूरे प्रदेश में विरोध स्वरूप धरना, प्रदर्शन हुए। जिला स्तर पर ज्ञापन भी सौंपे गए। उनकी मांग यही थी कि मंत्री इस्तीफा दें और प्रदर्शन कर रहे लोगों को लाठीचार्ज करने वाले पुलिसकर्मियों और अफसरों पर कार्यवाही की जाए। किसान कांग्रेस के अध्यक्ष दिनेश गुर्जर की अगुवाई में सभा कर प्रदर्शन किया गया। इस मौके पर महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष शोभा ओझा, महिला कांग्रेस की प्रदेशाध्यक्ष मांडवी चौहान, कांग्रेस महासचिव सज्जन सिंह वर्मा सहित अनेक पदाधिकारी मौजूद रहे।


आरबीआई के सामने आज धरना

प्रदेश कांग्रेस बुधवार को रिजर्व बैंक के समक्ष धरना, प्रदर्शन करेगी। नोटबंदी को लेकर हो रहे इस प्रदर्शन में प्रदेश सहित दिल्ली से आए नेता भी शामिल होंगे। कांग्रेस महासचिव मुकुल वासनिक, कांग्रेस सचिव राकेश कालिया सहित अन्य नेता शामिल हो रहे हैं। कांग्रेस का आरोप है कि नोटबंदी के एक माह बाद भी लोगों की परेशानी कम नहीं हुई है।



तनखा भोपाल पहुंचे, दिल्ली से आ रहे हैं नेता

राज्यसभा सांसद विवेक तनखा मंगलवार की शाम को भोपाल पहुंचे। उन्होंने अस्पताल पहुंचकर यादव के स्वास्थ्य की जानकारी ली। मीडिया से चर्चा में तनखा ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज को सरकार की तानाशाही बताया। साथ ही कहा कि हम न कभी डरे और न ही डरेंगे। कांग्रेस सरकार को हर मोर्चे पर घेरेगी।



कपड़े उतार कर दिखाए चोट के निशान

पुलिस बर्बरता के खिलाफ मंगलवार कांग्रेस नेता एफआईआर दर्ज कराने हबीबगंज थाना पहुंचे। अधिकारियों ने लाठीचार्ज की बात से ही इनकार कर दिया, तब कांग्रेस प्रदेश सचिव जीतेन्द्र बघेल नेपड़े उतारकर चोट के निशान दिखाए। इसके बाद सीएसपी सीएम द्विवेदी ने शिकायती आवेदन लिया।



और मामले की जांच कराने का आश्वासन दिया

मंगलवार दोपहर जिला अध्यक्ष पीसी शर्मा, पूर्व परिषद अध्यक्ष कैलाश मिश्रा, पूर्व महापौर दीपचंद यादव, विभा पटेल, नेता प्रतिपक्ष मोहम्मद सगीर, पार्षद गुड्डू चौहान औ मोनू सक्सेना सहित दर्जनों कार्यकर्ता दोपहर 12 बजे हबीबगंज थाना पहुंचे थे। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए थाने का मैन गेट बंद कर दिया था। प्रदर्शकारी इसे तोड़कर अंदर घुसे और सीएसपी को शिकायती आवेदन दिया। कांग्रेसी पीसीसी घुसकर लाठियां बरसाने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज करने की मांग कर रहे थे। शुरुआत में सीएसपी ने प्रकरण दर्ज करने से इनकार किया। एेसे में कांग्रेसियों ने थाने में नारेबाजी शुरू कर दी। तब सीएसपी ने आवेदन लेकर जांच कराने की बात कही। तब कांग्रेसी बाहर निकले और मुख्यमंत्री का पुतला दहन किया। इसके बाद प्रदर्शनकारी रविशंकर नगर तक पैदल मार्च करते हुए गए। पूर्व नेताप्रतिपक्ष राहुल भैया और अन्य कांग्रेसियों ने पुलिस मुख्यालय पहुंचकर डीजीपी के नाम का ज्ञापन एडीजी को सौंपकर मामले की जांच कराने की मांग की।



यादव को संजीवनी दे गया शक्ति प्रदर्शन

मंत्री संजय पाठक के इस्तीफे की मांग पर सीएम हाउस घेरने जा रहे कांग्रेसियों की अगुवाई कर रहे प्रदेश कांगे्रस अध्यक्ष को यह प्रदर्शन संजीवनी दे गया। संजीवनी इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि अभी तक यादव के खिलाफ मोर्चा खोले विरोधी अब शांत हैं। निष्क्रिय कांग्रेसियों में एक नई ऊर्जा का संचार हुआ है। कांग्रेस अब बड़े आंदोलन की तैयारी में जुट गई है।

मध्यप्रदेश कांग्रेस में नेतृत्व परिवर्तन की मांग समय-समय पर उठती रही है। तर्क दिया गया कि यादव के नेतृत्व में कांगे्रस को नुकसान हुआ है। चुनावों में कांग्रेस को लगातार हार का सामना पड़ा। एेसे में कभी पूर्व केन्द्रीय मंत्री कमलनाथ तो कभी ज्योतिरादित्य सिंधिया को कमान दिए जाने की मांग उठी। इनके समर्थक अचानक सक्रिय हुए। लेकिन अचानक घटनाक्रम के बाद समर्थक भी प्रतिक्रिया देने से बच रहे हैं। उनकी नपी तुली प्रतिक्रिया ही आ रही है। कमलनाथ समर्थक और पूर्व मंत्री सज्जन ङ्क्षसह वर्मा बोले एेसे मौकों पर सभी नेताओं को सामने आना चाहिए। मालूम हो प्रदेश के बड़े नेताओं ने इससे दूरी बना रखी है। पूर्व केन्द्रीय मंत्री सिंधिया ने ट्वीट कर जरूरी यादव के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की थी।


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