25 दिसंबर 2025,

गुरुवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

पुलिस अफसरों पर कसा शिकंजा, जांच के घेरे में 150 आइपीएस, हटेंगे अनेक अधिकारी

ऊपरी कमाई की जांच होगी

2 min read
Google source verification
police.png

ऊपरी कमाई की जांच होगी

भोपाल. मध्यप्रदेश में पुलिस अफसरों पर शिकंजा कसा जा रहा है. मध्यप्रदेश कैडर के 150 से अधिक IPS अफसरों के कामकाज की जांच चल रही है. अफसरों के कामकाज का आंकलन करने के साथ ही जिन अफसरों ने पुलिस सेवा में 15 साल पूरे कर लिए हैं उनका ट्रैक रिकॉर्ड भी चेक किया जा रहा है. इसके लिए शुक्रवार को मंत्रालय में छानबीन समिति की बैठक होगी।

पुलिस अधिकारियों पर ऊपरी कमाई के सबसे ज्यादा आरोप लगते हैं. इस तरह के आरोपों की अब गंभीरता से जांच हो रही है. 25 साल की सर्विस पूरी करनेवाले और 50 साल से ज्यादा की आयु वाले अफसरों का भी रिकॉर्ड चेक किया जा रहा है. इसके साथ ही लोकसभा चुनाव में कालेधन का उपयोग के मामले में फंसे तीन सीनियर IPS अफसरों की मुसीबतें भी बढ़ सकती हैं.

IPS अफसरों बी मधुकुमार, सुशोभन बनर्जी और संजय माने पर गंभीर आरोप लगे थे । इस मामले में केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) की जांच के आधार पर EOW में भी मुकदमा दर्ज किया गया था। हालांकि इसके बाद भी राज्य शासन ने अभी तक इन तीनों अफसरों को आरोप पत्र जारी नहीं किया है।

पुलिस अधिकारियों के कामकाज की जांच के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में छानबीन समिति बनाई गई है। समिति में डीजीपी विवेक जौहरी, अपर मुख्य सचिव गृह डॉ. राजेश राजौरा भी शामिल हैं। मंत्रालय सूत्रों के अनुसार काम-काज खराब होने के कारण जिन अफसरों की वार्षिक वेतनवृद्धि रोकी गई हो या फिर पांच सालों से पदोन्नति नहीं दी गई हो, ऐसे अफसरों को नोटिस के साथ 3 माह का वेतन देकर अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी जा सकती है।

गौरतलब है कि चार महीने पहले भी सरकार ने IPS अफसरों के प्रमोशन के लिए जो DCP (डिपार्टमेंटल प्रमोशन कमेटी) की थी उसमें कालेधन के मामले में फंसे इन तीनों अधिकारियों को प्रमोट नहीं करने का निर्णय लिया गया था। इधर तीनों अफसरों ने भी सरकार की तरफ से हुई कार्रवाइयों को कोर्ट में चुनौती दे रखी है।

मंत्रालय सूत्रों के अनुसार प्रदेश में ऐसे 130 IPS अफसर हैं, जो 25 साल की सर्विस पूरी कर चुके हैं और उनकी उम्र भी 50 साल से ज्यादा है। इन अफसरों के कामकाज की रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेजी जाएगी। इसके अलावा 15 साल की सेवा पूरी कर लेनेवाले करीब 20 अफसरों के कामकाज का भी आंकलन किया जाएगा.

छानबीन समिति अपनी सिफारिशें केंद्रीय कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (DOPT) को भेजेगी। इस संबंध में केंद्र सरकार के स्पष्ट निर्देश हैं. डीओपीटी ने राज्य सरकार को साफ निर्देश दिए हैं कि 25 साल की सेवा और 50 साल की आयु पूरी करने वाले अयोग्य और नाकारा अफसरों के कामकाज की जल्द समीक्षा कर रिपोर्ट केंद्र को भेजें।