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मध्यप्रदेश में बदले गए शहरों से लेकर गांव तक के नाम, नाम की सियासत पर ये तर्क

Politics Of Name Change In MP: भारत के हृदयप्रदेश में एक बार फिर स्थानों के नाम बदलने की चर्चा तेज हो गई है। प्रदेश की राजधानी भोपाल के कई स्थानों के नाम बदलने की मांग की गई, जिसे लेकर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को पत्र लिखे गए हैं।

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Politics Of Name Change In MP

Politics Of Name Change In MP (फोटो सोर्स : पत्रिका)

Politics Of Name Change In MP: भारत के हृदयप्रदेश में एक बार फिर स्थानों के नाम बदलने की चर्चा तेज हो गई है। प्रदेश की राजधानी भोपाल के कई स्थानों के नाम बदलने की मांग की गई, जिसे लेकर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को पत्र लिखे गए हैं। नाम बदलने का ये सिलसिला काफी पुराना है। हालांकि साल 2021 से 2025 के बीच में इस प्रक्रिया में तेजी देखी गई। देशभर में सीएम मोहन यादव की वो घोषणा चर्चा का विषय बन गई थी, जिसमें उन्होंने एक साथ 54 गांवों के नाम बदलने की बात की थी। एक और सरकार ने ऐसा करने के पीछे की वजह ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और धार्मिक पहचान को पुन: स्थापित करना बताया था। वहीं दूसरी ओर विपक्षी पार्टियों ने इस फैसले को सरकार की वोट बैंक की राजनीति से जोड़ा।

मध्यप्रदेश में बदले गए इन स्थानों के नाम

साल 2021 में प्रदेश सरकार ने राजधानी भोपाल के प्रमुख रेलवे स्टेशन हबीबगंज का नाम बदलकर रानी कमलापति के नाम पर रख दिया। सरकार ने गोंड समुदाय की ऐतिहासिक विरासत को सम्मान देने और स्थानीय पहचान को पुन: स्थापित करने के उद्देश्य से नाम में परिवर्तन किया।

होशंगाबाद को नर्मदापुरम

साल 2022 में एमपी के होशंगाबाद जिले के नाम में परिवर्तन किया गया। होशंगाबाद का नाम बदलकर इसे नर्मदापुरम नाम दिया गया। ये फैसला नर्मादा नदी के सम्मान में लिया गया। बता दें कि, होशंगाबाद शहर का नाम मुगलकालीन शासक होशंग शाह के नाम पर रखा गया था। सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व के कारम इसे होशंगाबाद से बदलकर नर्मदापुरम कर दिया गया।

उज्जैन के तीन गांव के बदले गए नाम

प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने 2025 में, उज्जैन जिले के तीन गांवों के नाम बदले। मौलाना गांव का नाम विक्रम नगर, जहांगीरपुर का नाम जगदीशपुर, और गजनी खेड़ी का नाम चामुंडा माता नगरी रखा गया।

शाजापुर के 11 गांव का बदला नाम

शाजापुर जिले में 11 गांव के नाम बदले गए, जिनमें उर्दू या इस्लामिक प्रभाव वाले नामों को हटाकर हिंदू सांस्कृतिक नामों से प्रतिस्थापित किया गया। निपनिया हिसामुद्दीन को निपनिया देव, ढाबला हुसैनपुर को ढाबला राम, और खजूरी अल्लाहादाद को खजूरी राम समेत 11 गांवों को नया नाम दिया गया।

54 गांवों के नाम बदलने का फैसला

इसी साल फरवरी माह में मुख्यमंत्री मोहन यादव ने प्रदेश के 54 गांवों के नाम बदलने की घोषणा की। इनमें देवास जिले के मुरादपुर, हैदरपुर, शमशाबाद, आमलाताज, हरजीपुरा, रांडीपुरा, इस्माईल खेडी, इलासखेडी, जलालखेडी, मोचीखेड़ी, इस्लाम नगर, मुरादपुर, घटिया गयासुर, पीर पाडलिया, चांदगढ़, नोसराबाद, इस्लामपुरा मुंडला, खोनपुर पीपलिया, मोहम्मदपुर, अजिजखेड़ी, आजमपुर, अलीपुर, बापचा नायता, नबीपुर, मिर्जापुर, अकबरपुर, सालमखेड़ी, हेबतपुरा, निजामडी, फतेहपुरा खेड़ा, फतनपुर, कल्लूखेड़ी, मोहम्मद खेड़ा, निपानिया हुर-हुर, मोहम्मद पुर, मिरजापुर, नोसराबाद, रसूलपुर, ईस्माइलखेडी, पिपल्या जान, मौला, अजनास, तमखान, मिर्जापुर, संदलपुर ,सलामत, रेहमान पुरा, सिंकदर खेडी, फतेहगढ, मिर्जापुर, दावद, मसनपुरा, अतवास, कांटाफोड गांव शामिल थे।

भोपाल के इलाकों के नाम बदलने की सियासत

शहर में मौजूद पुराने इलाकों के नाम बदलने की सियासत एक बार फिर तेज हो गई है। आधा दर्जन इलाकों के नाम परिवर्तन होने के बाद अब नगर निगम अशोका गार्डन को रामबाग के नाम से पहचानने का प्रस्ताव नगर परिषद की बैठक में ला रहा है। अशोका गार्डन तिराहे का नाम विवेकानंद तिराहा करने का प्रस्ताव भी इसी बैठक में शामिल किया गया है। 24 जुलाई को होने वाली नगर परिषद की बैठक में हमीदिया अस्पताल, कॉलेज और स्कूल का नाम बदलने का प्रस्ताव भी ध्वनिमत से पारित करने की तैयारी है।

राजधानी में अब तक इतने नाम बदले

● ईदगाह हिल्स हुई गुरुनानक टेकरी

● पीरगेट अब भवानी चौक

● बैरागढ़ बना संतनगर

● शैतान सिंह की जगह अहिल्या बाई होल्कर तिराहा

● हबीबगंज को दिया रानी कमलापति का नाम

● होशंगाबाद रोड अब नर्मदापुरम रोड

● विवेकानंद के नाम पर होगा अशोका गार्डन तिराहा

● हमीदिया रोड का नाम बदलकर गुरुनानक मार्ग

नाम की सियासत पर ये तर्क

अशोका गार्डन को रामबाग का नाम देने का प्रस्ताव नरेला विधानसभा क्षेत्र के पार्षदों की तरफ से आया है। इसी प्रकार अशोक गार्डन सब्जी मंडी तिराहे का नाम विवेकानंद के नाम पर करने का प्रस्ताव स्थानीय पार्षद सूर्यकांत गुप्ता ने दिया है। निगमाध्यक्ष किशन सूर्यवंशी ने तर्क दिया कि जो शासक मानव अत्याचार और पाकिस्तान की सरपरस्ती के लिए जाने गए उनके नामों का महिमा मंडन बंद होना चाहिए। निगम अध्यक्ष ने बताया कि नवाब हमीदउल्ला के नाम से भोपाल में संचालित हमीदिया अस्पताल, कॉलेज और स्कूल का नाम बदलकर राष्ट्रभक्तों के नाम से किया जाए। निगम को सड़कों और चौराहों के नामकरण करने का अधिकार है। स्कूल, कॉलेज और अस्पताल समेत अन्य संस्थाओं के नाम परिवर्तन करने का अधिकार भोपाल निगम को नहीं है इसलिए मुयमंत्री डॉ. मोहन यादव को इसके लिए पत्र लिखे गए हैं।