24 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

तालाब के कैचमेंट एरिया में कृषि भूमि पर गैर प्रदूषणकारी उद्योग लगाने का प्रस्ताव निरस्त

बैठक में निर्णय: 77 शहरों के मास्टर प्लान के प्रकाशन से पहले नए नियम तय होने हैं

2 min read
Google source verification
news

pond

भोपाल. बड़ा तालाब के कैचमेंट एरिया में आने वाली कृषि भूमि पर गैर प्रदूषणकारी उद्योग लगाने का प्रस्ताव निरस्त कर दिया गया है। चार माह पहले मसौदे पर आई पर्यावरणविदों व सामाजिक संगठनों की आपत्ति पर विचार करने के बाद टीएंडसीपी ने इसे निरस्त करने का प्रस्ताव वल्लभ भवन भेजा था। गुरुवार को नगरीय प्रशासन विभाग प्रमुख सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में इसे मंजूरी दी गई। इस दौरान भोपाल सहित 11 शहरों के मास्टर प्लान की तैयारियों पर सवाल हुए। टीएंडसीपी संचालनालय के मुताबिक जीआईएस बेस्ड मास्टर प्लान सबसे पहले उज्जैन में लागू होने जा रहा है। आईटी और गैर प्रदूषणकारी उद्योगों को बढ़ावा देने सरकार नियमों को बदलने जा रही है। 77 शहरों के मास्टर प्लान के प्रकाशन से पहले नए नियम तय होने हैं। राजधानी में ये नियम मास्टर प्लान 2005 के प्रस्तावित प्लानिंग एरिया में लागू होने थे, जिसमें संपूर्ण कैचमेंट एरिया और नीलबड़ और रातीबड़ की कृषि भूमि आ रही थी।

औद्योगीकरण को बढ़ावा देने ये बदलाव
नए नियमों के तहत खेती और सार्वजनिक जमीनों पर आईटी एवं गैर प्रदूषणकारी उद्योग स्थापित करने के लिए लेंड यूज बदलने का नियम समाप्त कर दिया जाएगा। इन उद्योगों के लिए पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड से अनुमति लेने की बाध्यता को भी समाप्त किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि 77 शहरों के मास्टर प्लान में बदलाव की शुरुआत प्रदेश के चार महानगर भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर से की जा रही है।

पॉल्यूशन बोर्ड में ये हैं लिस्टेड उद्योग
एयर कंडीशनर एवं कूलर रिपेयरिंग, नॉन मोटराइज्ड एवं साइकिल असेंबली, कागज का हायड्रोलिक प्रेस से विनष्टिकरण, बायो उर्वरक निर्माण, बिस्किट ट्रे निर्माण, चाय पैकिंग और चॉक बनाना, प्लास्टर ऑफ पेरिस, रुई, सिंथेटिक और वूलन होजरी आयटम बनाना, सीएफएल एवं दूसरे इलेक्ट्रिक लैंप उपकरण बनाना, डीजल पंप की मरम्मत और ईंट एवं पेवर ब्लॉक का निर्माण सहित 744 उद्योग इस सूची में शामिल हैं।

नुकसान की आशंका पर फायदे का दावा
खेती की जमीन पर आईटी और गैर प्रदूषणकारी उद्योगों को नियमों में छूट देने के साथ योगा, स्पोट्र्स, प्राकृतिक चिकित्सा, आर्ट गैलरी, मछली, मधुमक्खी पालन केंद्र और स्वल्पाहार केंद्र को भी छूट के दायरे में लाया जाएगा। पर्यावरणविद सुभाष सी पांडे के मुताबिक इससे खेती की जमीन पूरी तरह से समाप्त हो जाएगी और कृषि को बढ़ावा देने का दावा सरकार खत्म कर देगी। टीएनसीपी संचालनालय के प्रस्ताव में कहा गया है कि इस तरह की अनुमतियां सिर्फ प्लानिंग एरिया के दायरे में दी जाएंगी। प्लानिंग एरिया के बाहर ग्रामीण एवं वन क्षेत्रों में यदि किसी की निजी खेती की जमीन है तो भी उस पर इस प्रकार के उद्योग लगाने की अनुमति नहीं मिलेगी। दावा है कि इससे शहर में औद्योगीकरण, रोजगार और निवेश बढ़ेगा।

बड़ा तालाब कैचमेंट में मौजूद कृषि भूमि पर गैर प्रदूषणकारी उद्योग स्थापित करने का प्रावधान निरस्त कर दिया गया है। नए नियम कैचमेंट के दायरे से बाहर ही लागू होंगे।
राहुल जैन, एमडी, टीएंडसीपी