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अभिभावकों के लिए अच्छी खबर: किताबों की सूची मंगाई, यूनिफॉर्म भी नहीं बदल सकेंगे प्राइवेट स्कूल

प्राइवेट स्कूलों की मनमानी पर अगले सत्र में कसेगी लगाम, निश्चित दुकान से खरीदी का नहीं बना सकेंगे दबाव

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भोपाल. अगर कोई भी निजी स्कूल तीन साल के अंदर यूनिफॉर्म बदलता है तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। स्कूल द्वारा गणवेश में कोई परिवर्तन किया जाता है तो वह आगामी तीन शैक्षणिक सत्रों तक यथावत लागू रहेगी। अभिभावकों पर किसी एक निश्चित दुकान से किताब या यूनिफॉर्म खरीदने का दबाव नहीं डाल सकते हैं। जिला प्रशासन ने यह आदेश पिछले साल मार्च में जारी किए थे, लेकिन देरी होने के कारण पिछले साल इसका पालन नहीं हो सका था। अगले सत्र वर्ष 2023 में ये मनमानी न हो इसके लिए अभी से स्कूलों को पत्र जारी कर नियमों का पालन कराने के निर्देश दिए जा रहे हैं।

स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा स्कूलों को पत्र जारी कर अगले सत्र की किताबों की सूची भी मांगी गई है। निजी स्कूल प्रबंधन को परिवहन सुविधाओं के संबंध में परिवहन विभाग और स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा समय-समय पर जारी दिशा-निर्देशों का पालन करना होगा। दरअसल निजी स्कूलों में नया शैक्षणिक सत्र एक अप्रैल से शुरू होता है और स्कूल संचालक फरवरी-मार्च से ही अभिभावकों पर यूनिफॉर्म और किताबें आदि खरीदने का दबाव बनाने लगते हैं। इसलिए पूर्व से ही चेताया जा रहा है.

मार्च में जारी किए थे आदेश :
जिला प्रशासन ने मार्च में आदेश जारी होने के किताबों की सूची सार्वजनिक नहीं हो सकी थी. इस कारण निश्चित दुकानों पर ही किताबें उपलब्ध थी। यह स्थिति यूनिफार्म और खेल किट की थी। यूनिफार्म और स्पॉर्टस किट भी केवल स्कूल द्वारा बताई दुकान पर ही उपलब्ध थी। ऐसे में अभिभावकों को मजबूरी में स्कूल द्वारा बताई गई दुकान से यूनिफार्म और किताबें दोगुना दाम खरीदना पड़ी थी।

आदेश का उल्लंघन करने पर होगी कार्रवाई: राजधानी के निजी सीबीएसई स्कूलों को भी किताबों की सूची, फीस, गणवेश, खेल किट, यातायात सुविधा स्कूल के नोटिस बोर्ड पर चस्पा करना होगा। साथ ही जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के वेबसाइट पर अपलोड भी करना होगा। ऐसा नहीं करने पर कार्रवाई होगी।

भोपाल के जिला शिक्षा अधिकारी, नितिन सक्सेना बताते हैं कि स्कूल द्वारा गणवेश में कोई परिवर्तन किया जाता है तो वह आगामी तीन शैक्षणिक सत्रों तक यथावत लागू रहेगी। तीन साल के बाद ही गणवेश में परिवर्तन कर सकेंगे। यदि स्कूल निश्चित दुकान से यूनिफार्म या किताब कॉपी खरीदने का दबाव बनाते हैं और शिकायत मिलती है तो स्कूलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।