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पब्लिक बाइक पब्लिक की पहुंच से दूर, स्टैंड पर हो गए कब्जे फिर भी कंपनी को भुगतान

शहर के कई स्टैंड पर नजर नहीं आती बाइक, चार्टर्ड कंपनी पर बीसीएलएल मेहरबान

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भोपाल

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Amit Mishra

Jun 13, 2020

पब्लिक बाइक पब्लिक की पहुंच से दूर, स्टैंड पर हो गए कब्जे फिर भी कंपनी को भुगतान

पब्लिक बाइक पब्लिक की पहुंच से दूर, स्टैंड पर हो गए कब्जे फिर भी कंपनी को भुगतान

भोपाल। शहर की जनता की सेहत बनाने के लिए बीसीएलएल की ओर से चालू की गई पब्लिक बाइक सुविधा इन दिनों पब्लिक से दूर होती जा रही है। इस सेवा के नाम पर बीसीएलएल ने पूर्व सीईओ चंद्रमौलि शुक्ला के समय बेहद कीमती पेडल साइकिल का सौदा किया था।

80 से ज्यादा स्टैंड पर रखी गई
बीसीएलएल का दावा है कि ऐसी 1000 साइकल शहर के 80 से ज्यादा स्टैंड पर रखी गई है जिनका इस्तेमाल आम लोग एंड्राइड मोबाइल पर पब्लिक बाइक ऐप डाउनलोड कर कर सकते हैं। बीसीएलएल की सुविधा शुरू होने के एक साल तक लोगों ने इसका खूब इस्तेमाल किया लेकिन अब जहां पर साइकिल खड़े करने के स्टैंड बनाए गए थे वहां पर लोगों ने अवैध कब्जे कर लिए हैं। अनेक स्टैंड ऐसी भी है जहां कई दिनों तक साइकिल उपलब्ध नहीं कराई जाती है।

मेंटेनेंस का कार्य किया जा रहा
बीसीएलएल ने किराए की साइकिल को मेंटेन करने का ठेका चार्टर्ड स्पीड प्राइवेट लिमिटेड को दिया हुआ है। लगभग 5500 प्रति साइकिल प्रति महीने की दर पर मेंटेनेंस का कार्य किया जा रहा है लेकिन बेहिसाब खर्च के बावजूद लोगों को यह सुविधा आसानी से अब सुलभ नहीं हो रही है।

पिछले 2 महीने से लॉक डाउन के चलते शहर में लोगों की आवाजाही नहीं के बराबर है फिर भी कंपनी को मेंटेनेंस के नाम पर भुगतान करने की फाइल तैयार कर ली गई है। बीसीएलएल की इस सेवा का संचालन वर्तमान में स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट कारपोरेशन के फंड से किया जा रहा है।

3 करोड़ की लागत से हुई थी खरीदी
बीसीएलएल की ओर से पब्लिक बाइक प्रोजेक्ट के नाम पर 3 साल पहले 3 करोड रुपए की राशि खर्च कर हजार साइकिल खरीदी की गई थी। नगर निगम का स्मार्ट पार्किंग सिस्टम चलाने वाली प्राइवेट कंपनी चार्टर्ड को इस प्रोजेक्ट की मेंटेनेंस का काम सौंपा गया था।

कोई कार्रवाई नहीं की गई
नियमानुसार कंपनी को प्रतिदिन साइक्लो की मेंटेनेंस करने के बाद इन्हें स्टैंड पर उपलब्ध कराना जरूरी है। इसके अलावा शहर में मौजूद स्टैंड का रखरखाव करना भी कंपनी की जिम्मेदारी है लेकिन इन्हें अतिक्रमण ग्रस्त होने के बाद भी मुक्त कराने के लिए ठेका कंपनी की ओर से कभी कोई कार्रवाई नहीं की गई।

भुगतान की अनिवार्य शर्त जोड़ी गई थी
बीसीएलएल के प्रवक्ता संजय सोनी ने बताया कि प्रोजेक्ट का संचालन अब स्मार्ट सिटी मिशन के तहत किया जा रहा है। टेंडर जारी करते वक्त ही कंपनी को वाहनों की मेंटेनेंस के दौरान भुगतान की अनिवार्य शर्त जोड़ी गई थी।