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बुजुर्ग की मदद के लिए पार्सल सुपरवाइजर ने लॉकडाउन में भी 26 स्टेशनों पर की पूछताछ, 10 दिन में ढूंढ निकाला गुम हुआ पार्सल

लॉकडाउन के बावजूद भी रेलवे ने ढूंढ निकाले बुजुर्ग के बुक किए घरेलू सामान के 9 पार्सल पैकेट्स, लॉकडाउन था तो रेलवे ने पार्सल घर तक पहुंचाने में भी की मदद

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भोपाल

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Vikas Verma

Apr 20, 2020

Railways found lost parcel in 10 days despite lockdown

Railways found lost parcel in 10 days despite lockdown

विकास वर्मा, भोपाल। लॉकडाउन में भले ही यात्री ट्रेनें नहीं चल रही हैं लेकिन रेलवे अधिकारी-कर्मचारी हर वक्त मुस्तैद हैं। इसकी मिसाल देखने को मिली भोपाल रेलवे स्टेशन के पार्सल ऑफिस में। जहां सीनियर डीसीएम और चीफ पार्सल सुपरवाइजर ने दिन-रात एक कर 10 दिन की मेहनत के बाद एक बुजुर्ग का खोया हुआ पार्सल ढूंढ निकाला। यह पार्सल नांदेड़ स्टेशन पर पहुंच गया था, वहां से सामान मंगाकर बुजुर्ग को सौंपा। इतना ही नहीं, रेलवे ने लॉकडाउन के बीच बुजुर्ग के घर तक सामान पहुंचाने में भी मदद की।

दरअसल, भोपाल निवासी चंद्रमणि मिश्रा ने 26 फरवरी को 9 पैकेट्स सामान रेलवे पार्सल के जरिए वाशिम से भोपाल रेलवे स्टेशन तक के लिए बुक किया था। यह पार्सल 22457, नांदेड़-उना हिमाचल एक्सप्रेस के पार्सल यान में लोड कर दिया। भुसावल स्टेशन पर इसमें अन्य सामान लोड हो गया तो पार्सल नीचे दब गया, लिहाजा सामान भोपाल नहीं उतर पाया। कुछ दिनों बाद चंद्रमणि ने पार्सल ऑफिस में संपर्क किया। लेकिन इस बीच जनता कफर्यू और लॉकडाउन के चलते सामान का पता नहीं चल पाया। 8 अप्रैल को चंद्रमणि के परिजन ने रेलवे को ट्वीट कर मदद मांगी और कहा कि इस पार्सल पैकेट्स में हमारी जरूरत का घरेलू सामान है, इसके बिना गुजारा करना संभव नहीं है।

सीनियर डीसीएम और चीफ पार्सल सुपरवाइजर ने 26 स्टेशनों पर संपर्क कर ढूंढ निकाला पार्सल

ट्वीट के बाद भोपाल रेल मंडल के सीनियर डीसीएम नवदीप अग्रवाल ने चीफ पार्सल सुपरवाइजर सीपी पांडेय को इस मामले को प्रमुखता से लेते हुए पार्सल का पैकेट किस स्टेशन पर है, ढूंढने को कहा। इसके बाद पार्सल सुपरवाइजर ने 22457, नांदेड़-उना हिमाचल एक्सप्रेस के सभी 26 स्टॉपेज स्टेशनों पर संपर्क किया। इस दौरान उन्हें काफी मशक्कत के बाद पता चल पाया कि यह पार्सल नंगल डैम रेलवे स्टेशन पर पहुंचा था वहां से वापसी में इसी ट्रेन में चलकर यह पार्सल नई दिल्ली स्टेशन पर पहुंच गया था। चूंकि वाशिम स्टेशन पर पार्सल सिस्टम मैन्युअली संचालित होता है इसलिए पार्सल पैकेट पर स्याही से स्टेशन का नाम लिखा था जोकि धुंधला हो चुका था। इसलिए दिल्ली स्टेशन से इन पैकेट्स को लॉकडाउन से पहले ही वापस नांदेड़ भेज दिया गया था।

लॉकडाउन था तो रेलवे ने पार्सल घर तक पहुंचाने में भी की मदद

यह जानकारी मिलने के बाद 14 अप्रेल को भोपाल रेल मंडल के सीनियर डीसीएम ने नांदेड़ मंडल के सीनियर डीसीएम और सिकंदराबाद के डिप्टी सीसीएम से बातचीत कर वहां मौजूद बिना मार्का वाले नौ पैकेट्स के फोटो मंगवाए। यह फोटो चंद्रमणि मिश्रा को दिखाकर सामान वेरिफाई कराया गया। सामान का पता चल चुका था लेकिन उसे भोपाल लाने का इंतजाम नहीं था। इस बीच पता चला कि शुक्रवार रात 12.05 बजे 00763, पार्सल स्पेशल ट्रेन चलेगी जो नांदेड़ के रास्ते भोपाल होते हुए आगे जाएगी। यह ट्रेन शुक्रवार शाम 4.15 बजे भोपाल पहुंची। पार्सल सुपरवाइजर ने खुद खड़े होकर पार्सल उतरवाया और चंद्रमणि मिश्रा को फोन कर सामान लेने के लिए बुलाया लेकिन मिश्रा ने सामान ले जाने के लिए ऑटो आदि की व्यवस्था न होने के कारण आने में असमर्थता जताई। जिसके बाद पार्सल सुपरवाइजर ने उन्हें रसीद लेकर आने को कहा और सामान घर तक पहुंचाने की व्यवस्था की।