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Rakshabandhan 2023: महाभारत युद्ध से पहले श्रीकृष्ण ने सैनिकों के हाथ में क्यों बंधवाए थे रक्षासूत्र, Know the Interesting Facts

लेकिन क्या आप जानते हैं रक्षासूत्र बांधने की शुरुआत कहां से हुई और श्रीकृष्ण ने महाभारत के युद्ध से पहले सैनिकों को रक्षासूत्र बांधने की सलाह क्यों दी थी? अगर नहीं, तो इस खबर को ध्यान से पढ़ लें आपको बता दें कि रक्षाबंधन या राखी मनाए जाने के पीछे कई कहानियां प्रचलित हैं। आज हम आपको उन्हीं में से कुछ खास कहानियां बताने जा रहे हैं जो सबसे ज्यादा सुनी और कही जाती हैं। इन कहानियों को लोग सदियों से सुनाते आ रहे हैं।

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रक्षाबंधन का पर्व नजदीक है। बहनें अपने भाई को रक्षासूत्र बांधने को बेताब हैं और उनके लिए दुआओं की एक लंबी फेहरिस्त तैयार करने में लगी हैं। वहीं भाई इसी उधेड़-बुन में हैं कि इस बार प्यारी बहन को गिफ्ट क्या दिया जाए? आपको बता दें कि इस बार रक्षा बंधन का पर्व 30 अगस्त को पड़ रहा है। लेकिन भदरा के कारण इस बार रक्षा बंधन 31 तारीख को मनाया जाएगा। यह पर्व हर साल सावन की पूर्णिमा पर मनाया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं रक्षासूत्र बांधने की शुरुआत कहां से हुई और श्रीकृष्ण ने महाभारत के युद्ध से पहले सैनिकों को रक्षासूत्र बांधने की सलाह क्यों दी थी? अगर नहीं, तो इस खबर को ध्यान से पढ़ लें आपको बता दें कि रक्षाबंधन या राखी मनाए जाने के पीछे कई कहानियां प्रचलित हैं। आज हम आपको उन्हीं में से कुछ खास कहानियां बताने जा रहे हैं जो सबसे ज्यादा सुनी और कही जाती हैं। इन कहानियों को लोग सदियों से सुनाते आ रहे हैं।

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ये है द्रोपदी की कहानी

माना जाता है कि रक्षासूत्र बांधने की शुरुआत द्रोपदी ने की थी। कहा जाता है कि पहली बार द्रोपदी ने भगवान श्रीकृष्ण को राखी बांधी थी। महाभारत काल के दौरान ही द्रोपदी ने रक्षासूत्र बांधने की शुरुआत की थी। दरअसल जब इंद्रप्रस्थ में शिशुपाल का वध करने के लिए भगवान कृष्ण ने सुदर्शन वक्र चलाया था, तब उनकी एक उंगली कट गई थी। उस दौरान उनकी उंगली से काफी ज्यादा खून बह रहा था। तब द्रोपदी ने अपनी साड़ी का पल्लू फाड़ा और उसे श्रीकृष्ण की उंगली में बांध दिया। इस दिन सावन की पूर्णिमा थी। तब भगवान कृष्ण द्रोपदी से बेहद प्रसन्न हुए थे और द्रोपदी को वचन देते हुए श्रीकृष्ण ने कहा कि एक दिन वे इस साड़ी के एक धागे का मोल जरूर चुकाएंगे। इस वचन को श्रीकृष्ण ने उस वक्त पूरा किया जब द्रोपदी का चीरहरण किया जा रहा था, तब श्रीकृष्ण ने ही द्रोपदी की लाज बचाई थी।

महाभारत युद्ध से पहले सारे सैनिकों को बांधा गया था रक्षासूत्र

दूसरी कहानी यह है कि जब महाभारत का युद्ध शुरू हो रहा था, तब युधिष्ठिर कौरवों से युद्ध करने जा रहे थे। इस दौरान उन्हें सिर्फ यही चिंता थी कि युद्ध को कैसे जीता जाए? इस बात का निवारण जब भगवान श्री कृष्ण से पूछा गया तो उन्होंने सभी सैनिकों के हाथों में रक्षा सूत्र बंधवाने को कहा। श्रीकृष्ण के कहते ही सभी सैनिकों के हाथ में रक्षासूत्र बांध दिए गए और महाभारत में उनको जीत हासिल हुई। इसलिए भी रक्षा बंधन पर बांधे जाने वाले रक्षा सूत्र का काफी ज्यादा महत्व माना गया है। इसे बांधने से पहले हमेशा मुहूर्त देखा जाता है ताकि भाई को जीवन में किसी भी तरह का कोई भी दुख न झेलना पड़े।

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