
सतना. पर्वतारोही रत्नेश पांडेय ने अफ्रीका महाद्वीप के सबसे ऊंचे पर्वत किलिमंजारों को फतह किया है। मूलतः सतना निवासी 36 वर्षीय रत्नेश पांडेय प्रदेश के पहले आधिकारिक पर्वतारोही हैं। उन्होंने अपने इस दौरे में माउंट मेरू पर भी चढ़ाई की। किलिमंजारों 19,340 फीट ऊंचा है, जबकि मेरू 14,980 फीट ऊंचा है। रत्नेश ने बताया पर्वत चढ़ने का अनुभव खास होता है। मैंने इस चढ़ाई को एन्जॉय किया झोरे शिखंर:पर पहुंचकर तिरंगा झंडे को फहराया।
सात देशों की यात्रा
2015 में रत्नेश ने सबसे ऊंची चौटी माउंट एवरेस्ट फतह कर जन-गण-मन राष्ट्रगान गाया था। अब तक वह सात देशों भारत, नेपाल, रूस, ईरान, किर्गिस्तान इटली और स्विटजरलैंड की चोटियों पर फतह पा चुके हैं।
खास है किलिमंजारो
उत्तर-पूर्वी तंजानिया स्थित किलिमंजारो पर्वत अफ्रीका महाद्वीप का सबसे बड़ा और विश्व का सबसे ऊंचा एकल पर्वत है। यह 'सेवन समिट्स का चौथा सबसे ऊंचा पर्वत भी है।
अब स्वतंत्रता दिवस पर चोर्टी पर तिरंगा फहराएंगी ज्योति
पर्वतारोही ज्योति रात्रे 75वें स्वतंत्रता दिवस पर अफ्रीका की किलिमंजारो चोटी पर तिरंगा फहराएंगी। वे 8 अगस्त को घर से रवाना हुई। 11 अगस्त से चढ़ाई शुरू की। ज्योति ने जुलाई में यूरोपीय महाद्वीप के सबसे ऊंचे और रूस की माउंट एल्ब्रस की 5542 मीटर ऊंची चोटी फतह की है। इससे वे भारत की सबसे अधिक उम्र 52 साल की पर्वतारोही भी बन गईं। ज्योति ने माउंट एल्ब्रस पर लहराया तिरंगा
ज्योति रात्रे 2 जुलाई को चार पर्वतारोहियों के साथ मास्को रवाना हुई थीं। उनका लक्ष्य यूरोपीय महाद्वीप की सबसे ऊंची और रुस के माउंट एल्ब्रस जिसकी ऊंचाई 5462 मीटर है पर फतह पाना था। दल के सभी साथियों के साथ मिलकर ज्योति ने अपना लक्ष्य हासिल किया है। बता दें ज्योति भोपाल के 260 डिग्री एक्सप्लोरर एडवेंचर क्लब की सदस्य हैं और उनके पति केके रात्रे भोपाल के गोविंदपुरा स्थित मध्यक्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के मुख्यालय में महाप्रबंधक हैं।
Published on:
14 Aug 2021 06:01 pm
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