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RBI Repo Rate : अब FD पर घट सकती हैं ब्याज दरें, जल्द करें अपने पैसे का निवेश

RBI Repo Rate : एफडी(Fixed Deposit) की ब्याज दरों में 0.10 प्रतिशत से 0.25 प्रतिशत तक की कमी की जा सकती है। ऐसे में यदि कोई निवेशक 10 लाख रुपए की एफडी 7 प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर पर है, तो उसे एक वर्ष में 70,000 रुपए का ब्याज मिलेगा।

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RBI Repo Rate, Now interest rates on fixed deposits decrease

RBI Repo Rate : बैंक एफडी पर लगातार ब्याज घटा रहे हैं। (फोटो सोर्स : फ्री पिक)

RBI Repo Rate : पांच साल बाद रिजर्व बैंक ने रेपो दर घटाकर 6.25 प्रतिशत कर दिया है। रेपो दर वह ब्याज दर है जिस पर केंद्रीय बैंक वाणिज्यिक बैंकों को पैसा उधार देता है। बैंकर्स का कहना है कि 25 आधार अंकों की कटौती का असर सावधि जमा पर होगा। अब बैंक जल्द ही एफडी(Fixed Deposit) पर ब्याज दरें घटा सकते हैं। इसका ज्यादा असर उन वरिष्ठ नागरिकों पर ज्यादा पड़ेगा जो एफडी की रिटर्न पर निर्भर हैं।

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अभी सरकारी बैंकों में एफडी पर सामान्य ग्राहकों को औसतन 7.30 प्रतिशत तक का अधिकतम ब्याज मिल रहा है। जबकि वरिष्ठ नागरिकों को 7.80 प्रतिशत तक का अधिकतम ब्याज मिल रहा है। जबकि प्राइवेट सेक्टर के कई स्माल बैंक 9 प्रतिशत तक ब्याज ऑफर कर रहे हैं।

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क्या करें निवेशक

वर्तमान दरों को लॉक करें : पंजाब नेशनल बैंक से रिटायर्ड कोलार निवासी राकेश सुंदरम की राय है कि यदि नई एफडी खोलने की योजना बना रहे हैं, तो बैंकों द्वारा ब्याज दरें कम करने से पहले मौजूदा ब्याज दरों पर जल्द ही एफडी कर दें।

वैकल्पिक निवेश खोजें : एफडी पर रिटर्न कम होने की स्थिति में बेहतर है कि अपनी जोखिम क्षमता के आधार पर डेट म्यूचुअल फंड, कॉरपोरेट बॉन्ड या इक्विटी-लिंक्ड बचत योजनाओं (ईएलएसएस) में निवेश बढ़ा सकते हैं।

छोटे-छोटे टुकड़ों में एफडी करें : पूरी राशि को एक ही एफडी में लगाने के बजाय, तरलता सुनिश्चित करने और अधिकतम रिटर्न प्राप्त करने के लिए कम-कम राशि की एफडी विभिन्न अवधियों में विभाजित कर सकते हैं। इसको एफडी लैडरिंग कहते हैं।

निवेशकों की आय होगी प्रभावित

एफडी(Fixed Deposit) की ब्याज दरों में 0.10 प्रतिशत से 0.25 प्रतिशत तक की कमी की जा सकती है। ऐसे में यदि कोई निवेशक 10 लाख रुपए की एफडी 7 प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर पर है, तो उसे एक वर्ष में 70,000 रुपए का ब्याज मिलेगा। लेकिन ब्याज दर 6.75 प्रतिशत हो जाती है, तो ब्याज आय घटकर 67,500 रुपए रह जाएगी, जिससे 2,500 रुपए का नुकसान होगा। प्रो.डॉ. अतुल दुबे, आर्थिक विश्लेषक