
- प्रदेश में पहली बार भोपाल से एक साथ दोनों प्रदूषण की मॉनीटरिंग, अलग-अलग जोन चुने गए, तीन में शुरू
भोपाल. पर्यावरण में और सुधार लाने के लिए प्रदेश में पहली बार वायु प्रदूषण की रियलटाइम मॉनीटरिंग के साथ ध्वनि प्रदूषण की मॉनीटरिंग शुरू की है। इसमें लिए साइलेंट जोन में बैरागढ़ सिविल हॉस्पिटल, कमर्शियल भीड़ भाड़ के लिए हमीदिया रोड स्थित मृगनयनी और इंडस्ट्री के लिए गोविंदपुरा में सैटअप लगाए गए हैं। चौथा पर्यावरण परिसर में लगा है। इसमें से मृगनयनी को छोड़कर बाकी तीन शुरू हो चुके हैं। इनको लगाने के पीछे का उद्देश्य ये है कि किस क्षेत्र में किस समय और किन कारणों से ध्वनि प्रदूषण का स्तर ज्यादा और कम रहता है। इसके बाद रिपोर्ट तैयार कर जिला प्रशासन को भेजी जाएगी, ताकि उस क्षेत्र में जिन कारणों से मानकों से ऊपर ध्वनि प्रदूषण जा रहा है, उस पर कार्रवाई की जा सके।
आज की भागती दौड़ती जिंदगी में कई प्रकार के प्रदूषण बढ़ते जा रहे हैं। ऐसे में हवा खराब होने से फेंफड़ों और सांस संबंधी बीमारी और ध्वनि प्रदूषण से सुनने व अन्य प्रकार की बीमारी होती हैं। इन दोनों का स्तर एक ही डिस्प्ले बोर्ड पर दिखेगा। इसके लिए शहर में चार स्थानों पर डिस्प्ले बोर्ड भी लगे हैं। एक एयरपोर्ट पर, दूसरा रानी कमलापति रेलवे स्टेशन, तीसरा मंत्रालय और चौथा पर्यावरण परिसर में है। जिनमें वायु के साथ अब ध्वनि के प्रदूषण का स्तर भी दिखेगा। अरेरा कॉलोनी को भी इसमें शामिल किया गया है।
डीजे, हैवी वाहन, प्रेशर हॉर्न बड़े कारण
प्रदूषण विभाग के अफसरों की मानें तो शहर में डीजे, हैवी वाहनों का शोर, प्रेशर हॉर्न, बुलट के तेज आवाज वाले साइलेंसर व अन्य मोडीफायड वाहनों से भी ध्वनि प्रदूषण होता है। इन चारों सेंटरों पर कौन से कारण ज्यादा ध्वनि पैदा कर रहे हैं, उक्त डाटा को बैठक में रख उन क्षेत्रों में उन पर रोक लगाने का काम जिला प्रशासन करेगा।
वर्जन
प्रदेश में पहली बार भोपाल में ध्वनि की भी रियलटाइम मॉनीटरिंग शुरू की है। इससे पता लन सकेगा कि किन क्षेत्रों में किन कारणों से ध्वनि प्रदूषण होता है।
ब्रजेश शर्मा, रीजनल ऑफीसर, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड
Published on:
07 Jun 2022 06:28 pm
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