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अब रीजनल साइंस सेंटर में होगा कोलकाता की तरह डिजिटल तारामंडल.. पढ़ें पूरी खबर!

तारामंडल में दिख सकेंगे खगोलिय घटनाएं, 15 करोड़ की लागत से बनेगा तारामंडल

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अब रीजनल साइंस सेंटर में होगा कोलकाता की तरह डिजिटल तारामंडल.. पढ़ें पूरी खबर!

भोपाल। रीजनल सांइस सेंटर में स्थित प्रदेश के एकमात्र तारामंडल को और अधिक अत्याधुनिक बनाया जाएगा। दर्शकों को खगोल विज्ञान को समझने में आसानी होगी। इसके लिए यहां परमानेंट तारामंडल का निर्माण किया जा रहा है। इसे 15 करोड़ की लागत से तैयार किया जाएगा। इसे लेकर साइंस सेंटर की ओर से राज्य सरकार के साइंस एंड टेक्नोलॉजी विभाग को प्रपोजल बनाकर भेजा गया है। यदि विभागीय अनुमति मिलती है तो एक साल में प्रदेश में स्थाई तारामंडल का निर्माण हो जाएगा।

यह तारामंडल 125 सीटर होगा। जिसमें एक साथ सौ से अधिक संख्या में दर्शक खगोल विज्ञान को समझ सकेंगे। तारामंडल पूरी तरह से वातानुकूलित होगा। यहां एक दिन में तीन शो होंगे। स्थाई तारामंडल 12 मीटर गुबंद के आकार में बनेगा। इसमें अति आधुनिक तरीके से अल्ट्रा मॉडर्न ऑप्टो मैकेनिकल डिजिटल प्रोजेक्टर्स के हिसाब से बनाया जाएगा। इस तारामंडल के के चारों ओर लैटेस्ट साउंड सिस्टम को लगाया जाएगा।

खगोलिय घटनाओं को समझने का नहीं मिल पाता मौका
वर्तमान में यहां 25 सीटर तारामंडल है, जो पोर्टेबल है। इसमें दर्शक खगोलीय घटनाक्रम को कम समय में ही देख पाते हैं। अभी सिर्फ 20 मिनट का ही शो होता है, लेकिन परमानेंट तारमंडल में एक या दो घंटे को शो होगा। इसके अलावा खगोलीय घटनाक्रम पर आधारित फिल्म भी दिखाई जाएगी। अभी दिन में तीन बार या भीड़ होने पर 5 से 6 बार शो आयोजित होता है।

इन शहरों में परमानेंट तारामंडल
अभी कोलकाता के बिरला तारामंडल, पटना के इंदिरा गांधी तारामंडल, दिल्ली, मुंबई, नागपुर में भी स्थाई तारामंडल हैं। जहां पर बड़ी संख्या में लैटेस्ट आधुनिक तकनीक से लैस तारामंडल में दर्शक तारों व खगोलीय घटनाओं से रू-ब-रू कराया जाता है।

विज्ञान एवं प्रौद्यगिकी विभाग को स्थाई तारामंडल का प्रपोजल दिया गया है। जिसकी अनुमति मिलते ही एक साल में तैयार हो जाएगा।
-प्रबल राय, प्रोजेक्ट हेड को-आर्डिनेटर प्रोजेक्ट हेड को-आर्डिनेटर, रीजनल साइंस सेंटर