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धान एवं ज्वार-बाजरे के उपार्जन के लिये पंजीयन 15 से

धान, ज्वार और बाजरे का समर्थन मूल्य निर्धारित धान का न्यूनतम मूल्य 1940 रूपये, ज्वार 2738 रूपये एवं बाजरा 2250 रूपये प्रति क्विंटल निर्धारित

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भोपाल

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Ashok Gautam

Sep 03, 2021

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किसान क्रय केंद्रों तक जा तो भी रहे हैं, लेकिन अलग-अलग कारणों से धान रिजेक्ट किये जाने से उन्हें औने-पौने दामों में बेचना पड़ रहा है।

भोपाल । प्रदेश में समर्थन मूल्य पर धान एवं ज्वार-बाजरे के उपार्जन के लिये किसानों का पंजीयन 15 सितम्बर से 14 अक्टूबर 2021 तक किया जायेगा। समर्थन मूल्य पर खरीदी के लिये धान का न्यूनतम मूल्य 1940 रूपये, ज्वार 2738 रूपये एवं बाजरा 2250 रूपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है। जिला स्तर पर होने वाला पंजीयन विगत रबी एवं खरीफ की भांति इस वर्ष भी भू-अभिलेख के डाटाबेस के आधार पर किया जायेगा।

पंजीयन का सरलीकरण

किसानों को ऑनलाइन पंजीयन की प्रक्रिया को और अधिक सरल किया गया है। किसान अब अपना पंजीयन डाटाएंट्री के अलावा एमपी किसान एप, प्राथमिक कृषि सहकारी साख संस्थाओं एवं विगत खरीफ वर्ष में उपार्जन/पंजीयन करने वाले महिला स्व-सहायता समूह एवं एफपीओ द्वारा संचालित पंजीयन केन्द्र से भी करा सकेंगे। इसके अलावा सिकमीदार एवं वनाधिकार पट्टाधारी अपना पंजीयन समिति, एफपीओ, महिला स्व-सहायता समूह द्वारा संचालित केन्द्रों में ही करा सकेंगे। प्रदेश में 1718 पंजीयन केन्द्र बनाए गए है।

पंजीयन के लिये दस्तावेज
पंजीकरण के लिये जिन किसानों ने खरीफ एवं रबी के मौसम में ई-उपार्जन पोर्टल पर अपना पंजीयन कराया था, उन्हें पुनत्न दस्तावेज देने की जरूरत नहीं होगी। किसान द्वारा विगत वर्ष दिये गये आधार कार्ड और बैंक पासबुक के आधार पर पंजीयन किया जा सकेगा। नये पंजीयन हेतु किसानों को यह दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे। वनाधिकार पट्टाधारी, सिकमीदार किसानों को वन पट्टा एवं सिकमी अनुबंध की प्रति उपलब्ध कराना होगी। किसान से उपज के विक्रय के लिये 3 संभावित दिनांक प्राप्त की जायेंगी, जिसे पंजीयन के समय दर्ज किया जायेगा। उन्होंने कहा कि किसानों को भुगतान जेआईटी के माध्यम से सीधे उनके खाते में किया जायेगा। अत: केवल राष्ट्रीयकृत एवं जिला केन्द्रीय बैंक की शाखाओं के एकल खाते ही मान्य होंगे। किसान को बोई गई फसल की किस्म, रकबा तथा विक्रय योग्य मात्रा, फसल के भंडारण स्थान की जानकारी भी आवेदन में दर्ज कराना होगी।

सिकमी, बटाईदार किसान

सिकमी एवं बटाईदार श्रेणी के ऐसे किसान उपार्जन के लिये आवेदन कर सकेंगे, जिनके पास कुल रकबा 5 हेक्टेयर से अधिक नहीं होगा। ऐसे किसानों के अनुबंध की एक प्रति पंजीयन कराने वाले व्यक्ति, कृषक द्वारा संबंधित तहसीलदार को उपलब्ध कराना होगा। पंजीयन के समय सिकमी, बटाईदार के साथ मूल भू-स्वामी के आधार नम्बर की जानकारी भी ली जाएगी। पंजीयन के लिये 15 अगस्त 2021 तक कराये गये अनुबंध ही मान्य होंगे।

दावा-आपत्तियाँ एवं सत्यापन

किसान गिरदावरी में दर्ज भूमि का रकबा एवं बोई गई फसल से संतुष्ट ने होने पर पंजीयन के पूर्व संशोधन हेतु गिरदावरी में दावा-आपत्ति दर्ज करा सकते हैं। आपत्ति का निराकरण होने एवं ई-उपार्जन पोर्टल पर किसान की संशोधित जानकारी आने पर ही पंजीयन किया जा सकेगा। ई-उपार्जन पोर्टल पर पंजीकृत किसानों के रकबा, फसल एवं किस्म का सत्यापन एसडीओ/नायब तहसीलदार द्वारा किया जायेगा।

किसानों की सूची का प्रदर्शन

पंजीकृत किसानों की सूची रकबा एवं फसल की सूची कृषक के अवलोकन के लिये प्रत्येक ग्राम पंचायत कार्यालय एवं पंजीयन केन्द्र पर चस्पा की जायेगी। इसके अलावा एनआईसी द्वारा पंजीयन केन्द्र, जनपद पंचायत एवं पंजीयन केन्द्रों, ग्राम पंचायत के कार्यालय एवं जिला उपार्जन नियंत्रक कक्ष के दूरभाष क्रमांक के माध्यम से उपलब्ध कराई जाएगी।