18 दिसंबर 2025,

गुरुवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

एक साल के अंदर रेरा में सिर्फ 70 प्रोजेक्टों का पंजीयन

- 500 प्रोजेक्टों के रजिस्ट्रेशन के आवदेन लंबे समय से रेरा में अंटके - 250 बिल्डरों के पंजीयन आवेदन पर तमाम तरह की कमियां बताते हुए उसे पूरा करने के लिए बिल्डरों को कहा गया है

3 min read
Google source verification

भोपाल

image

Ashok Gautam

Oct 09, 2021

super-tech-builders.jpg

,,

भोपाल। भोपाल, इंदौर सहित कई जिलों में लोग पिछले एक साल से घर खरीदने का सपना देख रहे हैं, लेकिन बिल्डरों के प्रोजेक्ट धरातल पर ही नहीं आ पा रहे हैं। इसकी मुख्य वजह रेरा है। रेरा में एक साल से अधिक समय से अध्यक्ष और सदस्य नहीं थे। सात माह पहले सरकार ने अध्यक्ष और सदस्य की नियुक्ति की, लेकिन अभी तक सिर्फ 70 प्रोजेक्टों का पंजीयन ही हो पाया है। जबकि 250 बिल्डरों के पंजीयन आवेदन पर तमाम तरह की कमियां बताते हुए उसे पूरा करने के लिए बिल्डरों को कहा गया है।
एंटोनी डिसा के इस्तीफा देने के बाद रेरा का काम अभी तक पटरी पर नहीं आ पा रहा है। रेरा ने सचिव सहित सभी पदों को भर लिया है, इससे माना जा रहा है कि नवम्बर के बाद से रेरा का काम काज गति पकड़ लेगा। वर्तमान में नए प्रोजेक्टों के पंजीयन और बिल्डरों द्वारा जमा किए गए दस्तावेजों की जांच की जा रही है। जिन प्रोजेक्टों में कमियां पाई गई हैं उनमें भूमि स्वामी और बिल्डरों के बीच करार तथा प्रोजेक्ट के बेंचर में तमाम तरह की कमियां पाई गई हैं। कई प्रोजेक्टों में डेव्लपर और भूमि स्वामी ने मिलकर राशि बांट ली है, जबकि 70 फीसदी राशि प्रोजेक्ट के खाते में रखनी थी।


नहीं शुरू हुई शिकायतों की सुनवाई
प्रदेश में बिल्डरों के खिलाफ सात सौ से अधिक शिकायतें दर्ज हैं। इन शिकायतों की फाइल अभी तक रेरा ने नहीं खोली है। वर्तमान में रेरा अपने फैसले पर अमल कराने में लगा है। इसके लिए कलेक्टरों को नोडल अफसर बनाया गया है, जो वसूली, बेदखली, जुर्माने की राशि वसूलने का काम कर रहे हैं। अधिकारियों का कहना है कि सौ फीसदी फैसले पर अमल होने और नए प्रोजेक्टों के पंजीयन के बाद नई शिकायतों की फाइलें खोली जाएंगी। अधिकारियों का अनुमान है कि यह काम नए वर्ष से शुरू कर दिया जाएगा।
-----------
बिल्डर भूमि स्वामी को नहीं बना रहे को-प्रमोटर
बताया जाता है कि बिल्डर रेरा में पंजीयन के लिए आए आवेदनों में यह पाया गया है कि बिल्डर प्रोजेक्ट लांच करते हैं, लेकिन जिसकी भूमि पर प्रोजेक्ट लांच किया जाता है उसे को-प्रमोटर नहीं बनाया जाता है। ऐसे में रेरा ने उन्हें भूमि स्वामी को को-प्रमोटर अथवा पार्टनर बनाने के लिए कहा है। जब तक बिल्डर भूमि स्वामी से अनुबंध नहीं करेंगे तक तक पंजीयन नहीं होगा।
अभी तक के कुल प्रोजेक्ट ---1775
कुल यूनिट्स ------312189
बिके हुए माकान ---115854
बिना बिके हुए माकान--196335
बिना बिके हुए प्लाट --126958
बिना बिके स्वतंत्र माकान --10477
-----------------------------------------
कोरोना के चलते पिछडे प्रोजेक्ट
बिल्डरों के अधिकांश पुराने प्रोजेक्ट कोरोना के चलते पिछड़ गए हैं। ये प्रोजेक्ट अभी भी गति नहीं पकड़ पा रहे हैं। इसके चलते पूरी राशि भुगतान करने के बाद भी लोगों को किराए के माकान में रहना पड़ रहा है। वैसे भी बिल्डर एडवांस और माकान की कीमत की 60 फीसदी राशि लेने के बाद प्रोजेक्ट की शुरूआत करते हैं। इससे लोगों पर बैंकों के लोन का भार लगातार बढ़ता जा रहा है और माकान भी उन्हें तय समय पर नहीं मिल पा रहा है।
--------
रेरा के फैसले को नरजअंदाज करते हैं बिल्डर
बिल्डर रेरा के फैसले को नराज अंदार करते हैं। इसके चलते रेरा अपने फैसलों के पालन कराने की जिम्मेदारी कलेक्टरों को दी है। अब रेरा ऐसी व्यवस्था करने की तैयारी कर रहा है माकान खरीदने वालों को बिल्डरों के चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा। प्रोजेक्ट की राशि का अधिकांश हिस्सा प्रोजेक्ट के खाते में जमा की जाएंगी। प्रोजेक्ट कम्प्लीट होने के बाद उन्हें एनओसी लेना होगा।
------------
प्रोजेक्ट पंजीयन का काम अगले माह तक पूरा कर लिया जाएगा। जिन बिल्डरों को आवेदन पत्रों में कमियां पूरी करने के लिए कहा गया है, वे अगर कमियां पूरी कर लेते हैं, तो उन्हें प्रोजेक्ट की अनुमति दी जाएगी। इसके बाद शिकायतों के निराकरण का काम होगा।
नीरज दुबे, सचिव, रेरा मप्र