
ऐशबाग ब्रिज निर्माण की धीमी रफ्तार से परेशान रहवासी
-17.37 करोड़ की लागत से 648 मीटर लम्बे ब्रिज निर्माण का कार्य 18 माह में पूरा होना था।
ऐशबाग क्षेत्र की एक दर्जन कॉलोनी से अधिक लोगों को इसके शुरू होने का इंतजार है। 17.37 करोड़ रुपए की लागत से ब्रिज निर्माण कार्य हो रहा है। जिस तरह से निर्माण कार्य चल रहा है उससे लगता है कि तीन साल में भी पूरा नहीं होगा। लोगों का कहना है कि शहर के अंदर होने के बाद भी करीब छह साल पहले बरखेड़ी फाटक के बंद होने से ऐशबाग का यह क्षेत्र पूरी तरह पिछड़ गया है। फ्लाई ओवर निर्माण का भूमि पूजन होने के दिन से लोगों को इसके बनने का इंतजार है। इसके बनने से ऐशबाग की ही 20 हजार से अधिक आबादी को इसका लाभ मिलेगा।
गौरतलब है कि दशकों से ऐशबाग व इससे लगे क्षेत्र को जोडऩे वाला बरखेड़ी फाटक को रेलने से छह साल पहले बंद कर दिया था। जिससे क्षेत्र का विकास ही नहीं, स्कूल, अस्पताल, कॉलोनियां आदि का विकास व व्यवसाय ठप्प हो गए। इसके कारण फाटक के पास की प्राइम लोकेशन में विकास कार्य भी बंद हो चुके हैं। यहां जिन लोगों ने ऊंची कीमतों में मकान खरीदे थे, खुद को पिछले पांच सालों से ठगा महसूस कर रहे हैं। कई लोग तो फाटक के बंद होने के कारण खरीदी से कम कीमत में मकान बेचकर चले गए।
-दो एजेंसी इसे बना रही
शुरू में तो ब्रिज निर्माण कार्य तेजी से चल रहा था, एक ओर पीडब्ल्यूडी तो दूसरी ओर रेलवे अपने ट्रेक पर ब्रिज बनाने के काम में जुटा था,लेकिन कुछ महिने से काम में पहले जैसी तेजी दिखाई नहीं दे रही है। निर्माण कार्य के चलते आसपास के क्षेत्र में धूल, मिट्टी, गड्ढे और गंदगी से दो-चार हो रहा है।
-यह क्षेत्र हुए प्रभावित
फाटक के बंद होने से ऐशबाग स्टेडियम से लगा क्षेत्र, जनता कॉलोनी, हाउंसिंग बोर्ड कॉलोनी, उमरावदूल्हा बाग, चाणक पुरी कॉलोनी, अमन कॉलोनी, नवीन नगर, अमन कॉलोनी, महामाई का बाग आदि सबसे अधिक प्रभावित हुए है। इतना ही नहीं सिटी के मुख्य मार्ग से फाटक लगा होने के कारण अधिकांश विकास कार्य भी इस ओर हुए थे, जो अब बर्बाद होने से यहां के रहने वाले भी परेशान है।
इनका कहना
पातरा अंडर ब्रिज पर जाम लगने के कारण अधिकांश पैदल चलने वालें तो रेलवे ट्रेक को क्रास करके दूसरी ओर जाते है। ब्रिज शुरू होने पर ही इस क्षेत्र के लोगों को सीधे जाने की सुविधा मिलेगी। निर्माण की धीमी रफ्तार लोगों को खल रही है।
अंश साहू, रहवासी
भूमि पूजन के दौरान 18 माह में इसके बनने का दावा किया जा रहा था। अब तीन साल होने वाले है। अब भी ब्रिज आधा ही बना है। पूरे क्षेत्र को इसके बनने का बेताबी से इंतजार है। शासन को इसकी रफ्तार बढ़ानी चाहिए।
मोहम्मद चांद, रहवासी
फाटक के बंद होने से पहले तक इस क्षेत्र में मुख्य सडक़ पर दुकानें किराए पर भी नहीं मिलती थी। आज धंधा ठप्प होने से कई दुकानदार से खाली करके चले गए है। ब्रिज के बनने से अब लोगों ने फिर से इस ओर बढऩा शुरू कर दिया है।
दिनेश माली, दुकानदार
80 फीट रोड के शुरू होने लोगों का राहत तो मिली है,लेकिन बरखेड़ी फाटक के बंद होने से यहां चालीस सालों से चल रही विकास व्यवस्था पूरी तरह उल्टी पढ़ गई है। ब्रिज बनने के बाद भी ऐशबाग क्षेत्र में रौनक लौटेगी।
सुरेश साहू, समाजसेवीं
Published on:
04 Apr 2024 09:45 pm
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