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आपस में सुलझा लें विवाद, वरना टेकओवर कर लेगी सरकार: सीएम

locationभोपालPublished: Dec 05, 2019 09:37:21 pm

Submitted by:

anil chaudhary

– दादा धूनीवाले का विवाद : एसीएस को दी प्रकरण के समाधान की जिम्मेदारी

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Irony: The plan fades, people wandering in CM’s district

भोपाल. खंडवा स्थित दादा धूनीवाले धार्मिक स्थल के विवाद को सुलझाने के लिए मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सख्त रुख अपना लिया है। मंत्रालय में गुरुवार को बैठक के दौरान कमलनाथ ने कहा कि मैंने 25 साल पहले भी इस विवाद को सुलझाने की कोशिश की थी। तब, फेल हो गया था। लेकिन, अब फेल नहीं होऊंगा। दोनों पक्ष इस विवाद को सुलझा लें। वरना सरकार धर्म स्थल को टेकओवर कर लेगी। कमलनाथ ने अतिरिक्त मुख्य सचिव मनोज श्रीवास्तव को इस प्रकरण के समाधान की जिम्मेदारी दी है। श्रीवास्तव अब धर्मस्थल के संबंधित पक्ष व खंडवा कलेक्टर के साथ बैठक करेंगे।
बैठक में दादा धूनीवाले विवाद पर दोनों पक्ष अपने तर्कों को लेकर उलझ गए थे। दादा धूनीवाले ट्रस्ट ने कहा कि यह विवाद 1932 से चल रहा है। मसला कोर्ट में हैं। वहीं, पटेल सेवा समिति ने कहा कि ट्रस्ट में भ्रष्टाचार होता है। पैसा कहां जाता है, पता नहीं चलता। इस पर नाराज मुख्यमंत्री ने कहा कि पुरानी बातें मत करो। अब आगे की बात करो। यह मामला सुलझाना है। वरना सरकार टेकओवर कर लेगी। इस मुद्दे पर लड़ो मत। छिंदवाड़ा से हजारों भक्त दादा धूनीवाले में आस्था रखते हैं। पांढुर्ना से ट्रेन यहां तक चली है। इसलिए सच्चे मन से सोचो और समाधान निकालो।

– ये है विवाद
यहां 1930 में दादा धूनीवाले की समाधि बनी थी। 1942 तक छोटे दादाजी इसका संचालन करते रहे। तब, तक यहां टीनशेड था। इसके बाद निर्माण कार्य शुरू हुआ। 1970 के बाद निर्माण हो गया। फिर विवाद छाया कि यहां 84 खंभों का मंदिर बनना है, तो बाद में 120 खंभों की बात आई। इसे लेकर ट्रस्ट, छोटे दादाजी और पटेल सेवा समिति के बीच मतभेद हो गए।
– आंध्र की कंपनी के खिलाफ होगी एफआईआर
बैठक में खंडवा की जलापूर्ति में आंध्रप्रदेश की विश्वा कंपनी का घोटाला भी गूंजा। कलेक्टर तान्वी सौंदर्याल ने कहा कि कंपनी ने डीपीआर बदल दी। जलापूर्ति में लोहे के पाइप लगाने थे। लेकिन, प्लास्टिक के पाइप लगा दिए गए। इससे चार से पांच दिन तक जलापूर्ति नहीं हो पा रही है। इस पर सीएम ने कंपनी के खिलाफ एफआईआर कराने को कहा।
– महाकालेश्वर व ओंकारेश्वर योजना मंजूर
मुख्यमंत्री ने एक अन्य बैठक में महाकालेश्वर की 300 करोड़ और ओंकारेश्वर की 156 करोड़ रुपए की विकास योजना को मंजूरी दी। कमलनाथ ने कहा कि मध्यप्रदेश में 12 में से दो ज्योतिर्लिंग हैं। इन्हें विश्व पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने का लक्ष्य होना चाहिए। इसके लिए हर विकास काम की डैडलाइन तय हो। मंदिर एक्ट भी बनाया जाए। दोनों योजना के शिलान्यास के लिए कलेक्टर की अध्यक्षता में कमेटी बनाने के निर्देश दिए। महाकालेश्वर व ओंकारेश्वर विकास योजना ओंकार सर्किट के तहत होगी।

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