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टाइगर रिजर्व के करीब छोटे-छोटे रिसॉट्र्स से पट जाएगा मढ़ई

सतपुड़ा टाइगर रिजर्व से लगे मढ़ई के मास्टर प्लान का मसौदा तीसरी बार बदलने की तैयारी हो गई है।

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भोपाल

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Umesh yadav

Jul 15, 2018

Singrauli district 3 forest areas in tiger roar can hear

Singrauli district 3 forest areas in tiger roar can hear

भोपाल. प्रदेश में सिमट रहे वन क्षेत्र और बाघों की सुरक्षा में लग रही सेंध के बीच राज्य सरकार का चौंकाने वाला कदम सामने आया है। सतपुड़ा टाइगर रिजर्व से लगे मढ़ई के मास्टर प्लान का मसौदा तीसरी बार बदलने की तैयारी हो गई है। नए मसौदे में मढ़ई के बफर जोन के गांवों में दो हेक्टेयर में अस्थायी रिसॉट्र्स और बफर जोन के बाहर के गांवों में 1 हेक्टेयर में स्थायी रिसॉट्र्स बना सकेंगे। सूत्रों के अनुसार यह कदम अफसरों, नेताओं के हित में ज्यादा है, क्योंकि उनकी यहां बेनामी जमीनें हैं।

हर बार कम होती गईं जमीन की पाबंदियां
2013 के प्रारूप में मढ़ई बफर जोन के बाहर बसे गांवों में 4, जबकि बफर जोन के गांवों में 8 हेक्टेयर पर रिसोर्ट की अनुमति थी। 2015 में इसे 2 और 4 हेक्टेयर कर दिया गया। अंतिम प्रकाशन से पहले तत्कालीन मुख्य सचिव एंटोनी डिसा ने बफर जोन के बाहर 1 हेक्टेयर में रिसोर्ट की अनुमति देने को कहा था। तभी से प्लान अटका था।

हर साल 5000 पर्यटक
मढ़ई में देश विदेश से हर वर्ष लगभग 5000 पर्यटक यहां आते हैं। सरकार का मानना है कि वर्ष 2021 तक यहां पर्यटकों की संख्या प्रतिवर्ष 11 हजार से अधिक हो सकती है। मढ़ई टूरिस्ट जोन में 7 गांव हैं, इनमें कामती, टेकापार, बीजाखेरी, सारंगपुर एवं घाघोरी बफर जोन में हैं। रेनीपानी और श्रीरंगपुर ही बफर जोन के बाहर हैं।

यह है प्रस्तावित प्लान
बफर जोन के पांच गांव में 2 हेक्टेयर में 5 कॉटेज की अनुमति।
बफर जोन के बाहर गांवों 1 हेक्टेयर में स्थायी रिसॉर्ट बना सकेंगे। 10 फीसदी एरिया में ही निर्माण किया जा सकेगा। 6 मीटर ऊंचाई तक दो मंजिला बिल्डिंग बना सकेंगे।
अस्थायी टेंट बनाने में प्लास्टिक या अन्य किसी रासायनिक पदार्थ का उपयोग नहीं किया जाएगा। हर तीन साल में रिन्युअल कराना होगा। शर्त के उल्लंघन पर अनुमति रद्द कर दी जाएगी।

बदल जाएगी तस्वीर
मढ़ई का ईको फे्रंडली मास्टर प्लान लागू होते ही बफर जोन में अस्थायी रिसॉट्र्स बनाने की अनुमति दी जाएगी। अस्थायी रिसॉट्र्स 6 माह में और स्थायी रिसॉट्र्स-होटल एक से डेढ़ साल में तैयार हो जाएंगे। एसोसिएशन ऑफ टाउन प्लानर इंस्टीटयूट के अध्यक्ष वीपी कुलश्रेष्ठ ने बताया कि प्लान टाइगर रिजर्व की सुरक्षा के लिए बनाया जाना है। 8 हेक्टेयर से कम में रिसॉर्ट बनते हैं, तो भीड़ से ईको सिस्टम और टाइगर रिजर्व का डिग्रेशन होगा।