परिजन बुजुर्गों के प्रति संवेदनशीलता और कृतज्ञता का भाव रखें
राज्यपाल ने कहा कि बढ़ती उम्र के साथ बुजुर्गों को अपने खान-पान और सेहत का विशेष ध्यान रखना होता है। परिजन बुजुर्गों के प्रति हमेशा संवेदनशीलता और कृतज्ञता का भाव रखें। उन्होंने मानव अधिकारों के संरक्षण के प्रति जनजागरण के प्रयासों के लिए आयोग को साधुवाद दिया। राज्यपाल ने कहा कि मानव अधिकार नैसर्गिक अधिकार है। ये अधिकार व्यक्ति का स्वाभिमान, सम्मान और सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं। इन अधिकारों तक समाज के अंतिम कड़ी के व्यक्ति की सुलभ पहुंच हो, इसकी जिम्मेदारी सरकार के साथ समाज के प्रत्येक व्यक्ति की भी है। उन्होंने कहा कि राज्य मानव अधिकार आयोग की भूमिका, मानवाधिकारों के रक्षक और संरक्षक के रूप में है। आयोग वंचित और गरीब वर्ग की आशा और विश्वास के केन्द्र में है। सरकार और समाज का मार्गदर्शक भी है।आयोग के सदस्य राजीव कुमार टंडन, प्रमुख सचिव सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सोनाली पोक्षे वायंगणकर, अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान के संचालक राजेश गुप्ता, मानव अधिकार आयोग के पुलिस महानिरीक्षक अशोक गोयल, नरोन्हा प्रशासनिक अकादमी के महानिदेशक जे.एन. कंसोटिया, न्यायाधीशगण, वरिष्ठजन और आयोग के अधिकारी-कर्मचारी मौजूद रहे। पुलिस महानिदेशक (शिकायत एवं मानव अधिकार) डी.सी. सागर, वरिष्ठ नागरिकों के लिए पुलिस विभाग द्वारा बनाए गए सिटीजन ऐप की कार्य प्रणाली बताई।