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आरजीपीवी में सीबीसीएस में बदलाव, जिसे जीरो मिला वो भी पास

विवि के एंड सेमेस्टर एग्जाम में 31 प्रतिशत अंक लाने की बाध्यता खत्म

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shahid samar

Jan 13, 2017

Bhopal

Bhopal



भोपाल.
राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (आरजीपीवी) के च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम (सीबीसीएस) में बदलाव किए गए हैं। एंड सेमेस्टर में 31 प्रतिशत अंक लाने की बाध्यता खत्म कर दी गई है, जिससे स्टूडेंट जीरो मिलने पर भी परीक्षाएं पास करता रहेगा।


आरजीपीवी ने सत्र 2015-16 में सीबीसीएस लागू कर वाहवाही लूटी। इसके लिए सबसे जरूरी मानव संसाधन की जरूरत को ध्यान में नहीं रखा। जब इसके रिजल्ट बिगड़े तो स्टूडेंट विरोध में रहे और कॉलेजों ने भी इस सिस्टम को वर्तमान परिस्थतियों के खिलाफ बताया।


अब नए बदलाव के बाद विरोध करने वालों की संख्या कम होगी। क्योंकि, विवि द्वारा हाल ही में बीटेक पहले और दूसरे सेमेस्टर के रिवाइज्ड रिजल्ट जारी किए हैं। इससे एेसे स्टूडेंट के सेमेस्टर भी क्लियर हो गए, जो सभी विषयों में फेल थे। अब अधिकतर स्टूडेंट परीक्षा दिए बिना अगले सेमेस्टर में प्रमोट हो जाएंगे। रिजल्ट का ग्राफ दोगुना बढ़ा है। यह रिजल्ट का

ग्राफ करीब 90 प्रतिशत तक पहुंच गया है।


कॉलेजों को मिली चाबी

सीबीसीएस में सेमेस्टर में 31 प्रतिशत अंक लाना जरूरी है। वहीं, कॉलेजों के खाते में इससे अधिक अंक डाल दिए हैं। कॉलेज मनमर्जी कर सकते हैं, जिससे आरजीपीवी की एंड सेमेस्टर में पास नहीं हो पाया तो भी उसका सेमेस्टर नहीं रुकेगा। आरजीपीवी प्रेक्टिकल ब्लॉक की 50 अंक की परीक्षा कराता है। इसमें 40 अंक कॉलेज के और 10 अंक विवि के पास हैं। इसी प्रकार थ्योरी ब्लॉक में 100 अंक की परीक्षा लेता है। इसमें 40 अंक कॉलेज के पास और 60 अंक विवि के पास हैं। सेमेस्टर क्लियर करने के लिए स्टूडेंट को प्रेक्टिकल और थ्योरी दोनों में 31-31 प्रतिशत अंक लाना है। चाहे वह प्रेक्टिकल में ले आए या फिर थ्योरी में। वहीं कॉलेज के पास भी पर्याप्त अंक देने का अधिकार है।


पहला रिजल्ट

पूर्व नियंत्रक डॉ. मोहन सेन के कार्यकाल में विवि के मूल आर्डिनेंस के आधार पर रिजल्ट जारी किए। जिसमें स्टूडेंट को सेमेस्टर क्लियर करने के लिए प्रेक्टिकल और थ्योरी के विवि द्वारा आयोजित एंड सेमेस्टर एग्जाम में 31-31 अंक लाना जरूरी थी।


दूसरा रिजल्ट

पूर्व नियंत्रक डॉ. सेन ने ही दूसरा रिजल्ट दिया। एग्जाम में 31 प्रतिशत अंक प्राप्त करने की शर्त रखी। विवि ने 10 नंबर का ऑनलाइन टेस्ट कराया। इसमें कई स्टूडेंट चार अंक भी नहीं ला पाए। रिजल्ट बिगड़ा फिर हंगामा और फिर सेन की विदाई।


तीसरा रिजल्ट

डॉ. एके सिंह ने परीक्षा नियंत्रक की जिम्मेदारी संभाली। विचार-विमर्श शुरू। रिजल्ट कमेटी की बैठक हुई। इसमें प्रेक्टिकल के एंड सेमेस्टर एग्जाम में 31 प्रतिशत अंक लाने की बाध्यता खत्म कर दी गई। रिजल्ट में सुधार हुआ। स्टूडेंट के सेमेस्टर ऑल क्लियर।


सब कुछ नियमानुसार किया गया है। आर्डिनेंस के मुताबिक हुआ है। जो खामियां पूर्व परीक्षा नियंत्रक के समय थी, उन्हें दूर कर रिवाइज्ड रिजल्ट घोषित किए गए हैं। इसमें यह शर्त रखी गई है कि स्टूडेंट को डिग्री तभी अवार्ड होगी, जब उसका टोटल सीजीपीए 5.0 होगा।

डॉ. एके सिंह,
परीक्षा नियंत्रक आरजीपीवी