
एमपी के साथ ही महाराष्ट्र और गुजरात को भी मिलता है इस सुविधा का लाभ।
River Ambulance Service: अब तक आपने रोड और एयर एम्बुलेंस का नाम ही सुना होगा, लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि मध्य प्रदेश में पानी पर भी एम्बुलेंस (Water Ambulance) दौड़ती है और हजारों जरूरतमंद मरीजों की जान बचाती है। यहां हैरान करने वाली एक बात और है कि मध्य प्रदेश में पानी पर एम्बुलेंस की ये सेवा नई नहीं है, बल्कि पिछले 24 साल से रिवर एम्बुलेंस मरीजों को इलाज देकर सेहतमंद बना रही है।
मध्य प्रदेश की ये रिवर एम्बुलेंस सर्विस एमपी और गुजरात की जीवनदायिनी नर्मदा नदी के पानी पर दौड़ती है। वहीं देश की ये इकलौती रिवर एंबुलेंस है। ये रिवर एम्बुलेंस सरदार सरोवर बांध के डूब प्रभावित तीन राज्यों मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र के करीब 40 गांवों के लोगों को मिलता है।
बता दें कि जरूरतमंद लोगों को फ्री में स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए एमपी का नर्मदा समग्र न्यास NGO है, जो नर्मदा नदी के पानी पर देश की पहली नदी एंबुलेंस सेवा का संचालन करता है।
आपको जानकर हैरानी होगी कि मध्य प्रदेश रिवर एंबुलेंस शुरू करने वाला पहला राज्य है। 24 साल पहले 2011 में मंडला जिले के बरगी जलाशय में देश की पहली रिवर एम्बुलेंस की शुरुआत की गई थी। इसके बाद वर्ष 2013 में सरदार सरोवर बांध के बैक वॉटर में भी ऐसी ही एक और रिवर एंबुलेंस सर्विस शुरू की गई।
रिवर एम्बुलेंस शुरू करने का मकसद था ऐसे गांवों तक स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराना जहां तक पहुंच पाना नामुमकिन है। ये वे गांव हैं जिन तक पहुंचने का रास्ता केवब नर्मदा नदी का बैक वॉटर ही है।
देश की इस पहली रिवर एम्बुलेंस की सेवा सप्ताह में 4 दिन मिल पाती हैं। एक दिन में करीब 140 किलोमीटर का सफर तय करने वाली ये रिवर एम्बुलेंस बुधवार को पैईतर फल्या, डमानी, कातरखेड़ा, छाछकुआ, दसाना, घोंघसा, तोरखेड़ा, धजारा, करी एवं कोडवानी गांवों में जाती है। वहीं गुरुवार को भादल, झंडाना आदि में। शुक्रवार को ककराना और शनिवार को सादरी, भूसिया, जुनाना, सेल्दा में। रविवार को जलसिंधि, डूबखेड़ा, अंजनबारा, भीताड़ा और सुगट गांवों में सेवाएं देती है।
एमपी की इस रिवर एम्बुलेंस में समाजसेवियों की मदद से दो डॉक्टरों, वार्डबॉय और समाज सेवा को हमेशा तत्पर रहने वाले लोग अपनी सेवाएं देते हैं। ये पूरी टीम गांवों में जाकर लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं देती है। नर्मदा समग्र के संस्थापक पर्यवारणविद स्व. अनिल माधव दवे ने इस रिवर एम्बुलेंस का संकल्प लिया था। ये रिवर एंबुलेंस अलीराजपुर जिले के ककराना बैक वॉटर में खड़ी रहती है। यहां भी लोगों को फ्री में इलाज मिलता है।
जिन गांवों में सड़क संपर्क नहीं है. वहां नदी एंबुलेंस पहुंचती है। सप्ताह में 4 दिन फ्री में सेवाएं देती है। एक दिन में ये रिवर एम्बुलेंस 140 किलोमीटर का सफर तय करती है।
-मनोज जोशी, नर्मदा समग्र के राज्य समन्वयक
Published on:
09 Jul 2024 01:48 pm
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