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RSS Meeting : मध्यप्रदेश समेत 12 राज्यों के चुनावों पर मंथन

RSS की तीन दिवसीय प्रतिनिधि सभा अहमदाबाद में शुरू, एक लाख स्थानों तक संघ कार्य ले जाने के लिए बनाएंगे मैदानी रणनीति संघ की स्थापना को वर्ष 2025 में हो रहे हैं 100 साल, ग्रामीण स्तर पर स्वरोजगार से स्व-निर्भरता के लिए शुरू किए हैं उपक्रम स्वाधीनता के अमृत पर्व पर देश के गुमनाम नायकों-सेनानियों के योगदान को समाज के बीच ले जाने की भी योजना

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भोपाल. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ( RSS ) की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक गुजरात के कर्णावती (अहमदाबाद) में हो रही है। इसमें वर्ष 2023 में मध्यप्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनावों की रणनीति पर भी चर्चा होगी। यह बैठक 11 से 13 मार्च तक चलेगी। इस बार इसमें 1248 प्रतिनिधि उपस्थित होंगे, जिनमें चयनित प्रतिनिधि, प्रान्त संघचालक, प्रान्त कार्यवाह और 36 आनुषांगिक संगठनों के शीर्ष पदाधिकारी शामिल हैं। पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव परिणामों के तत्काल बाद हो रही प्रतिनिधि सभा में अगले एक साल की रणनीति बनाई जाएगी।


वर्ष 2022 और 2023 में 12 राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव होना है। इन सभी पर इस बैठक में चर्चा होगी। मालूम हो वर्ष 2022 में हिमाचल प्रदेश, गुजरात और जम्मू—कश्मीर में चुनाव होना है जबकि वर्ष 2023 में मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, महाराष्ट्र, त्रिपुरा, मेघालय, नगालैंड, मिजोरम और तेलंगाना में चुनाव होंगे। संघ की बैठक में दूसरा महत्वपूर्ण पहलू है कि वर्ष 2025 में RSS की स्थापना को 100 वर्ष पूरे हो रहे हैं, जिसमें एक लाख स्थानों तक संघ कार्य पहुंचाने का लक्ष्य तय किया गया है।

शताब्दी वर्ष के लिए प्रांतों की योजना की होगी समीक्षा

सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत की उपस्थिति में आगामी वर्ष के लिए कार्ययोजना बनाई जाएगी तो पिछले साल के कामकाज की समीक्षा होगी। सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले संघ कार्य और प्रांतों का प्रतिवेदन प्रस्तुत करेंगे। वर्ष 2025 में संघ की स्थापना को 100 वर्ष पूरे हो रहे हैं। इसके लिए प्रांतों में जो योजना बनाई गई है, उस पर भी चर्चा होगी। प्रांतों ने पिछले वर्ष जो सेवा कार्य किए, उनके आंकड़े प्रस्तुत किए जाएंगे। शताब्दी वर्ष में संघ कार्य एक लाख स्थानों तक ले जाने का लक्ष्य निर्धारित किया है, जिसकी रणनीति बनाई जाएगी। मालूम हो कि मध्य क्षेत्र की बात करें तो क्षेत्र प्रचारक दीपक विसपुते, क्षेत्र संघचालक अशोक सोहनी, क्षेत्र कार्यवाह अशोक अग्रवाल, सह-क्षेत्र कार्यवाह हेमंत मुक्तिबोध सम्मिलित हो रहे हैं। इसके साथ ही आरोग्य भारती के राष्ट्रीय संगठन सचिव डॉ. अशोक कुमार वाष्र्णेय भी रहेंगे।

गुमनाम नायकों-सेनानियों के योगदान को आम जन तक ले जाएंगे
स्वाधीनता के अमृत महोत्सव के अवसर पर संघ की व्यवस्था वाले प्रांतों ने जो आयोजन किए जा रहे हैं, उनकी चर्चा इस बैठक में होगी। देश में ऐसे वीर, नायक और बलिदानी हुए हैं, जिनके बारे में आम लोगों को विशेष जानकारी नहीं है। संघ अब जानकारी का संकलन कर समाज के बीच ले जाने जाएगा। कोरोना काल के चलते बेरोजगारी की स्थिति को देखते हुए ग्रामीण स्तर पर स्वरोजगार से स्व-निर्भरता कैसे पा सकते हैं, इस बारे में भी कई उपक्रम संघ ने शुरू किए हैं, उनको लेकर बात होगी।

IMAGE CREDIT: patrika

निर्णय के लिहाज से सबसे अहम बैठक
समाज में समरसता, पर्यावरण, परिवार प्रबोधन जैसे विषयों पर संघ अनेक संगठनों के साथ मिलकर कार्य कर रहा है। इसको लेकर बैठक में चर्चा होगी और आगे की दिशा तय की जाएगी। मालूम हो कि संघ की व्यवस्था में अलग-अलग प्रकार की बैठकें होती हैं। निर्णय की दृष्टि से सबसे अहम बैठक प्रतिनिधि सभा में प्रचारकों समेत अन्य की जिम्मेदारियां भी तय की जाती हैं। मालूम हो कि नागपुर से बाहर पहली बार प्रतिनिधि सभा 1988 में गुजरात के राजकोट में हुई थी। जबकि पिछले साल उक्त बैठक बेंगलुरू में रखी गई थी।

कंटेंट : श्याम सिंह तोमर, भोपाल