
सुघोष दर्शन कार्यक्रम 23 को, सरस्वती शिशु मंदिरों के 1500 विद्यार्थी करेंगे घोष वादन
भोपाल. स्वतंत्रता संग्राम सेनानी नेताजी सुभाषचंद्र बोस की जयंती पर 23 जनवरी को राजधानी में विद्या भारती मध्यभारत प्रांत 'सुघोष दर्शनÓ का आयोजन करेगा। ओल्ड कैंपियन क्रिकेट मैदान अरेरा कॉलोनी प्रात: 11 बजे से होने वाले कार्यक्रम में मध्यभारत प्रांत के सरस्वती शिशु मन्दिरों की 75 घोष इकाइयों के 1500 भैया-बहिनें (छात्र-छात्राएं) घोष वादन करेंगे।
सात हजार लोगों की बैठक व्यवस्था, मंच होगा ईको फ्रेंडली
निखिलेश महेश्वरी ने बताया कि इतनी बड़ी संख्या में विद्यार्थी भैया-बहिनों के घोष दल का सामूहिक प्रदर्शन शहर में पहली बार हो रहा है। आयोजन के साक्षी सरस्वती शिशु मन्दिरों के विद्यार्थी, शासकीय-अशासकीय विद्यालयों के विद्यार्थी, आचार्य, अभिभावक, मातृशक्ति व नागरिक बनेंगे। 7000 हजार लोगों की बैठक व्यवस्था की गई है। मंच पूरी तरह पर्यावरण मित्र (ईको फ्रेंडली) है। इसे बनाने में टाट, सूत, गोबर, प्राकृतिक रंगों आदि का उपयोग होगा। मंच पर संगीत के वाद्ययंत्रों की परिकल्पना दिखाई देगी। बच्चे भी विभिन्न आकर्षक वेश-भूषा में दिखाई देंगे।
मुख्य आयोजन से पहले प्रांत के कोने-कोने से आए विद्यार्थी करेंगे रिहर्सल
सुघोष दर्शन कार्यक्रम से एक दिन पूर्व 22 जनवरी को रिहर्सल भी होगी। इसमें 2 घंटे की अवधि के हिसाब से तैयारी की जाएगी, जिसमें भैया-बहिनें घोष वादन और घोष संचलन करेंगे। इस अवसर वंशी वादन, शंख (बिगुल) वादन, आनक (साइड ड्रम), पणव (बॉस ड्रम), त्रिभुज (ट्राएंगल) सहित अन्य वाद्ययंत्रों का वादन घोष दल करेंगे। स्वास्तिक चिह्न सहित सुघोष दर्शन की आकृति का निर्माण करेंगे। 5 इकाइयों के 125 भैया-बहिनें पाइपर वादन करेंगे। इसके बाद 23 जनवरी को मुख्य आयोजन होगा। कार्यक्रम के अंत में ओल्ड कैंपियन क्रिकेट मैदान से विद्यार्थी घोष संचलन करते हुए सुभाष उत्कृष्ट विद्यालय के सामने नेताजी सुभाष चन्द्र बोस प्रतिमा स्थल पर पहुंचेंगे। इसके बाद घोष वादन करते हुए श्रद्धा सुमन अर्पित कार्यक्रम का समापन होगा।
घोष वादन से होता है शौर्य का संचार, मन को करता है एकाग्र
मालूम हो कि विद्या भारती सरस्वती शिशु मन्दिरों में शिक्षा के साथ संस्कार देने का कार्य करती है। विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए विद्या भारती के आचार्य और संगठन कृत संकल्पित होकर कार्य कर रहे हैं। इन्हीं में से एक गतिविधि घोष वादन है। इससें शौर्य का संचार होता है, संगीत मन को एकाग्र करता है। इसीलिए सरस्वती शिशु मन्दिरों में दक्ष आचार्य घोष वादन का प्रशिक्षण भी देते है।
Published on:
19 Jan 2023 11:45 pm
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