परिवहन विभाग रायसेन की जानकारी के अनुसार लम्बे समय से उन्हें जानकारी मिल रही थी कि मंडीदीप के विभिन्न कारखानों में कर्मचारियों को लाने ले जाने के लिए उपयोग की जाने वाली बसें स्कूल परमिट पर संचालित हो रही हैं। इस सूचना के आधार पर रायसेन, सीहोर और विदिशा आरटीओ ने संयुक्त रूप से मंडीदीप में कार्रवाई करते हुए आठ स्कूल बसों को जब्त किया। इस दौरान बस में सवार यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। कई यात्री दूसरी बसों से रवाना हुए तो कुछ ने अपने परिचितों को बुलाकर उनके साथ घर तक पहुंचे।
ज्यादा मुनाफा कमाने का है खेल
परिवहन नियमों के अनुसार शासन द्वारा स्कूल बसों में आम यात्री बसों की अपेक्षा कम टैक्स लिया जाता है, जबकि कारखानों में संचालित बसों के लिए टैक्स का स्लैब अलग है। बस ठेकेदार कारखानों में कम कीमत में टेंडर डालकर कंपनियों से अनुबंध कर लेते हैं और स्कूल परमिट पर बसें संचालित कर मोटा मुनाफा कमाते हैं। बताया जाता है कि इस पूरे खेल में कारखाना प्रबंधन की भूमिका भी संदेह के घेरे में होती है, क्योकि बसों के अनुबंध के समय बस ऑपरेटर को सभी वैध दस्तावेज उपलब्ध कराना होता है।
मंडीदीप के कारखानों में स्कूल बसें संचालित होने की सूचना मिल रही थी, इसी के आधार पर मंडीदीप में एक अभियान चलाकर नौ बसों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। कार्रवाई में विदिशा, सीहोर आरटीओ भी शामिल हुए।
– रितेश तिवारी, आरटीओ रायसेन