
सांसद बोलीं- बंगाल में ताड़का की सरकार और मुमताज का लोकतंत्र है, राष्ट्रपति शासन और NRC ही उपाय है
भोपाल/ हालही में संपन्न हुए पश्चिम बंगाल चुनाव में ममता बनर्जी की जीत के बाद मध्य प्रदेश में राजनीतिक सरगर्मी बढ़ने लगी है। भजपा-कांग्रेस के कई नेताओं ने अब तक इसपर अपनी अपनी टिप्पणियां दी हैं। इसी बीच भोपाल सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने पश्चिम बंगाल में भाजपा की हार और एक बार फिर सत्ता में आई ममता की सरकार को लेकर विवादित टिप्पणी कर दी है। पिछले दिनों किसी को नजर न आने पर शहर में गुमशुदगी के पोस्टर लगने के बाद खुद को क्वारंटीन बताने वाली सांसद ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया है, जिसे लेकर एक बार फिर मध्य प्रदेश में राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई है।
सांसद ने ट्वीट में कही ये बात
मुमताज लोकतंत्र,हिंदुओं @BJP4Bengal के कार्यकर्ताओं की निर्मम हत्या, बलात्कार, हे कलंकिनी..बस्स्स्। शठे शाठ्यम समाचरेत, टिट फॉर टैट करना ही होगा। राष्ट्रपति शासन और NRC बस यही उपाय हैं। संतो और वीरों की भूमि पर ताड़का का शासन हो गया। अब तो "राम" बनना ही होगा। यानी साध्वी प्रज्ञा ने पश्चिम बंगाल को मुमताज का लोकतंत्र बताया। साथ ही, उन्होंने हिंदू कार्यकर्ताओं की निर्मम हत्या, बलात्कार की घटनाओं पर नाराजगी जाहिर करते हुए लिखा कि- अब टिट फॉर टैट करना ही होगा यानी जैसे को तैसा।
अपने ट्वीट के जरिये उन्होंने ये भी कहा कि अब लोगों को असम में शरण लेना पड़ रही है। इसके लिए उन्होंने सूबे में राष्ट्रपति शासन और NRC को ही एक मात्र उपाय बताया। साथ ही ये भी कहा कि, संतों और वीरों की भूमि पर ताड़का का शासन हो गया। हालांकि, पोस्ट आने के बाद इसपर प्रतिक्रिया आनी भी शुरु हो गई। कई लोग इसे लेकर सोशल मीडिया पर बहस भी कर रहे हैं। किसी ने इसे कश्मीर बनने की शुरुआत बताया, तो किसी ने इसे भाजपा की हार की खीज बताया। अकसर लोग भाजपा को घेरते नजर आए।
दिग्विजय को हराकर बनी भोपाल सांसद
बता दें कि, साध्वी प्रज्ञा ठाकुर पिछले चुनाव में भोपाल लोकसभा सीट से कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को हराकर सांसद बनी हैं। हालांकि, वो अपने कामों से ज्यादा विवादित बयानों के चलते चर्चा में रहती हैं। इससे पहले भी कई मुद्दों पर उनकी ओर से विवादित टिप्पणियां सामने आती रही हैं। उनके एक बयान पर तो, खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तक उन्हें माप न करने की बात कह दी थी। हालांकि, भाजपा की ओर से अकसर उनके बयानों किनारा किया जाता है। हालांकि, ताजा मामले में इसी तरह की टिप्पणी कंगना रनौत ने भी अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर की थी, जिसके बाद उनका ट्वीटर हैंडल सस्पेंड कर दिया गया है।
Published on:
06 May 2021 11:46 am
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